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वेताज बादशाह - नफ़रत भरी मासूम ख्वाहिश - 2

रूद्र अपनी मां का अंतिम संस्कार करता है, फिर सारे लोग मिलकर पुलिस कंप्लेंट करवाते हैं:-

पुलिस:- जल्दी ही गुनाह गारो को पकडेंगे|

कहकर उन लोगों को शांत करादेती है, लेकिन महीनों तक कुछ नहीं होता|

1 दिन सारे लोग सड़क पर उतर आते हैं, और शहर का चक्का जाम कर देते हैं, पुलिस की लाख कोशिशो के बाद भी वे लोग नहीं मानते, फिर उनकी बात मीडिया द्वारा मुख्यमंत्री के कानो तक पहुंचती है, और वो खुद आते हैं, और लोगों को उचित न्याय दिलाने का वादा करते हैं, और वह भी सिर्फ 1 महीने के अंदर और सभी लोगों को एक-एक घर तथा प्रत्येक घर के सदस्य को नौकरी देने का वादा भी करते हैं, और बाद में पूरा भी करते हैं, लेकिन जो भी पैसा आता है सारे दलाल पैसा खा जाते हैं, और हर व्यक्ति को सिर्फ इतना पैसा प्राप्त होता है, कि व्यक्ति सिर्फ झोपड़ पट्टी दोबारा से बना सके, सब कुछ होने के बाद भी लोग होते वहीं के वहीं हैं|

एक दिन रुद्र अपने दोस्तों के साथ खेलते हुए बस्ती से दूर भीड़ भाड़ वाले इलाके में आ जाता है, वहां पर एक सिनेमा हॉल होता है, तो रुद्र के दोस्त कहते है आज हम भी फिल्म देखेंगे, शिवा कहता है:-

शिवा:- यार लेकिन हमारे पास पैसे तो नहीं है|

रूद्र:- रात होने का इंतजार करो, क्योंकि हमारे पास टिकट के पैसे नहीं है, इसलिए हम लोग दिन में फिल्म नहीं देख सकते, लेकिन हां रात में जरूर देख सकते हैं, लेकिन उसके लिए हमें एक रस्सी की जरूरत पड़ेगी|

फिर वे लोग कहीं से रस्सी उठाकर लाते हैं, और रात होने का इंतजार करते हैं, और जब रात को मूवी शुरू होती है, तो रस्सी में एक लोहे की रॉड बांधकर खिड़की में फेंकते हैं, और रस्सी किसी चीज में फंस जाती है, तो बो लोगे एक एक कर के ऊपर चले जाते हैं, और अंदर घुस जाते हैं, पिक्चर मे एक गरीब लड्का दिखाया जाता है और बाद मे बही लडका बहुत बडा डॉन बन जाता है और बही हीरो भी होता है, पिक्चर देखने के बाद सारे दोस्त वापस आने लगते हैं, तो रूद्र कहता है:-

रुद्र:- अब हम लोग मेन गेट से बाहर जाएंगे|

शिवा:- यार दरवाजे पर गेट पर खड़ा हुआ चौकीदार हमें पहचान लेगा, और हमें पकड़ लेगा|

रूद्र:- तुम चिंता मत करो मैं हूं ना|

जैसे ही सारे दोस्त निकलकर गेट पर आते हैं, तभी गेट पर खड़ा सिक्योरिटी गार्ड उन लोगों को रोकता है, और बीच में खड़ा हो जाता है, 3 घंटे पहले जो रूद्र किसी के सामने डर के मारे एक शब्द भी नहीं बोल पाता था, एकदम से सामने आता है, और कहर भरी नजरों से गार्ड को घूरता है, तो गार्ड बोलता है;-

गार्ड:- क्या बे खुद को डॉन समझता है क्या?

इतना सुनते ही रूद्र जोर से चिल्लाता है, और बोलता है:-

रुद्र:- पीछे हट|

रुद्र इतनी जोर से चिल्लाता है, कि सारे लोग रूद्र को देखने लगते हैं और फिर सिक्योरिटी गार्ड को, सिक्योरिटी गार्ड आवाज सुनकर सकपका जाता है, और सामने से हट जाता है, रास्ते भर सारे दोस्त चुपचाप चलते हैं|

शिवा:- क्या हुआ रुद्रा|

रुद्र:- मैं डॉन बनूंगा, सबसे बडा डॉन, आज से हम भी गैंग बनाएंगे|

दोस्त:- पागल हो गया है क्या? पुलिस गिरा गिरा के मारेगी, भगा भगा के मारेगी|

रुदे:- पुलिस के तुम चिंता ना करो उसका इंतजाम भी हो जाएगा|

रुद्र के मन मे दबी हुई बदले की भावना फिर से जाग उठ्ती है

रुद्र:- साले किसी को नहीं छोडेंगे, जिन लोगों ने हमे यहाँ लाकर खडा कर दिया है साले सब को ठोकेंगे|

फिर वे लोग बैठकर प्लान बनाते हैं, तभी उन्हें दूर से कोई आदमी आता हुआ दिखाई देता है, कोट पैंट पहने होता है, और उसके हाथ में एक सूटकेस होता है|

शिवा:- उधर देखो कोई आ रहा है, लगता है, मुर्गा फस गया|

रुद्र:- (देखता है, तो दूर से देखते हो पहचान लेता है, और कहता है) ये तो वही आदमी है, जो बस्ती में आकर धमकी दे रहा था, और जिस दिन बस्ती में आग लगी थी, उस दिन भी यह वहीं पर था|

फिर सारे दोस्त चील की तरह टूट पड़ते हैं, और मार मार के बुरा हाल कर देते हैं, उसके कपड़े फाड के हाल भिखारियों वाला बना देते हैं, और ऐसा हाल बना देते हैं कि, उसे देख कर उसके घर वाले भी ना पहचान सके, उसका सूट्केस भी छीन लेते हैं|

और आए दिन वे उधर आने जाने वाले लोगों को परेशान करते हैं लूट पाट करते हैं, जो भी थोड़े बहुत पैसे मिलते हैं, उनसे छीन लेते हैं, धीरे धीरे कर उनकी बातें पुलिस तक पहुंच जाती है, पुलिस के आने की खबर होती है, तो सारे लोग भाग जाते हैं और छिप जाते हैं.............