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तुम and Time Machine

"Hello"
"who is this..?"
"Sanju."
".........."
"can you please call me back "
"ok करता हूँ"

आज
4 साल के बाद अचानक उसका कॉल आया था. पर मैं उसे भुला नहीं था और शायद वो भी नहीं.
उसकी एक आवाज़ ने मुझे उसे कॉल बैक करने पर मजबूर कर दिया. सालों बाद भी आया उसका एक कॉल मुझे सब याद दिला गया. मैंने अगले ही पल उसे कॉल किया.
"हेल्लो ,,,""हेल्लो ,,,कैसे हो ?"
"तुम्हे मेरा नंबर कैसे मिला ?"
"मैं भूली ही नहीं नंबर तुम्हारा! “
"रियली!!!""हम्म... तुमने नंबर भी तो नहीं बदला...और हाँ कॉल बेक करने को इसलिए कहा क्योंकि ये फ़ोन मेरा नहीं है ...मैंने कहा था न मैं अपने पास कोई फ़ोन नहीं रखती .....और सुनाओ कैसे हो तुम ? "
"अच्छा हूँ.""और बताओ .शादी हो गई तुम्हारी ?"
"नहीं ...और तुम बताओ तुम्हारी लाइफ कैसी चल रही है "
"बहुत बढ़िया मुझे एक बेटा हुआ है ,,अब तो तीन साल का हो चूका है ,,""वाह...मुबारक हो संजू...वैसे क्या नाम है उसका ..""आदित्य ...""आदित्य !!!""हाँ.. पर उसके पापा उसे प्यार से आदी बुलाते हैं""संजू.. ये नाम ही क्यों रखा तुमने ?"
"क्योंकि मुझे अच्छा लगता है ..""अजीब बात है. वैसे, कैसे याद आ गयी आज तुम्हे मेरी?"
"आती तो अक्सर है, पर कॉल आज किया, तुम फ्री तो हो न या मैंने डिस्टर्ब कर दिया ?"
"नहीं नहीं फ्री हूँ अभी ऑफिस से घर पहुंचा ही हूँ..""तुम तो मुझसे नाराज़ होगे न ?""अरे नहीं....ऐसा क्यों सोच रही हो तुम. मैंने कभी कहा क्या? तुम जब भी कॉल करती हो बात ठीक से नहीं करता क्या ?"
"नहीं .,वो बात नहीं ,,,,बस सोचा ,.,""ऐसा सोचना बंद कर दो ,,,बात पुरानी हो गयी और वैसे भी तुम्हे और मुझे मिले लगभग ८ साल से उपर हो चुके हैं .,और आज ४ साल बाद देखो बात हो रही है ."

"मार्च २००८ में हम पहली बार मिले थे याद है न ?"
"ओह्ह,,,अरे हाँ,,याद आया ,,मैं तो भूल गया इस बात को भी अब इस महीने १० साल हो गये ..""मैं नहीं भूली कुछ ...""मैंने कब कहा मैं सब भूल गया ,,,पर ध्यान नहीं आया बस,,,""तुम मुझे वाकई में भूल चुके हो न ?"
"नहीं संजू ऐसा नहीं है ,., दूर होने से भूल थोड़ी न जाते हैं, वैसे तुम तो जानती हो इस बीच मैं किसी और के साथ रिलेशन में भी रहा.""हाँ तुमने लास्ट टाइम बताया था उसके बारे में....एनीवे तुम शादी कब और किससे कर रहे हो ये बताओ...लड़की देखी कोई?""नहीं ,,अभी कोई प्लान नहीं ..""कर लो अब उम्र हो गयी है ,,,कितने साल के हो गये ?""३४ का हो चूका हूँ.""आजकल मुंबई में ही हो न ?"
"हाँ ...""बढ़िया है ..वैसे सैलरी क्या है ?"
"50 हज़ार "
"बढ़िया ...शादी कर लो अब और सेट हो जाओ.""हाँ कोई मिलेगी घर वालों को तो कर लेंगे ""टेंशन मत लो मैं भगवान से दुआ करुँगी कि तुम्हे सबसे अच्छी वाइफ मिले, तुम हमेशा खुश रहो""संजू.."
"हम्म.."
"माफ़ कर दो मुझे ,,,"
"क्यों अब तुमने क्या कर दिया ?"
"तुम जानती हो न ?""सुनो उस चीज़ के लिए अब माफ़ी मत मांगो ...तुम कॉलेज में थे जानती हूँ बिना जॉब और करियर सेट के मुझसे शादी नही कर सकते थे ...its ओके ...अब तो मेरी शादी हुए 8 साल हो गये, 3 साल का बच्चा हो गया ..अब मैं खुश हूँ ,,,बस तुम भी न खुश रहो ,,, ""मैं खुश हूँ..अच्छा लगा की तुमने मुझे कॉल किया संजू ,,,""क्योंकि तुम अच्छे हो.."
":तुमने मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में नहीं पूछा जिससे तुम्हारी लास्ट टाइम फ़ोन पर बात करवाएगा था ..""उसके बारे मे पता लग गया है मुझे ...खैर जिसे जाना होता है चला ही जाता है ..वैसे उसकी याद आती है तुम्हे?"
"नहीं ...""क्यों ,,,?"
"क्योंकि उसने मुझे छोड़कर किसी और से शादी कर लिया."
"तो....क्या हुआ .....उसे करना था तो कर लिया उसके लिए उससे नाराज़ हो ?"
"हाँ. उससे आज तक बात नहीं किया ३ साल हो गये, उसने तो कई बार कोशिश की पर मैंने उसे अपनी लाइफ से ब्लाक कर रखा है ?""कहाँ हैं आजकल वो ...""चलो जाने दो ,..,,मैं उसके बारे में अब किसी से बात नहीं करता ...तुम सुनाओ बेबी कैसा है तुम्हारा ...देखो, न तुम तो सोशल नेटवर्क पर भी नहीं हो....तुम्हे देखे भी ८ साल हो गये.""शादी हो गयी ,,,बच्चा हो गया, मैं मोटी हो चुकी हूँ...तुम मोटे हुए या नहीं ?"
"हा हा हा ,,,मैं थोडा मोटा हो गया हूँ,और बस सर से बाल थोड़े कम हो गये हैं पिछले २ साल से.”
“इतना टेंशन क्यों लेते हो."“अरे वो वर्क प्रेशर ही होता है इतना और सिटी का पानी तुम जानती ही हो, पैसा कमाने की दौड़ में सब कुछ संभल जाता है सिवाए खुद के.”"अपनी फोटो

भेजो न ?"
"कैसे ,,,?""हाँ क्या करूं

मैं WhatsAppभी यूज़ नहीं करती ,,,मैं अब पूरी तरह से सिर्फ गाँव में नहीं हूँ,,बल्कि एक गाँव वाली लाइफ भी बन चुकी है मेरी..""हम्म,,,""अब लाइफ सिर्फ घर में सिमट गयी अब पूरा ध्यान सिर्फ पति ,,,बच्चे पर है ,,,""ये लाइफ का पार्ट है वैसे.. बाकी संजू खुश रहो हमेशा ,,""तुम भी ,...""एक दोस्त के नाते मैंने तुम्हे आज भी कॉल किया ...तुम्हे बुरा तो नहीं लगा न ?"

"अरे नहीं नहीं ,,,संजू its ओक ,,देखो न अचानक याद आ गया ,,,तुम कितना रोई थी मुझसे शादी करने के लिए और मुझे जॉब करने के लिए बाहर निकलना था शादी नहीं करना था ,,,और आज देखो तुमने मुझे माफ़ भी कर दिया .....जबकि मैंने तुम्हे इगनोर कर दिया था तब, जब तुम सिर्फ मुझसे शादी करने के लिए रो रही थी."

"don’t think that ,,,मैं तो बहुत खुश हूँ,,.अब वो सब याद भी नहीं करती ,,,,तुम भी मत करो...इसलिए फ़ोन नहीं किया ,,,तुम्हे ...? ८ साल पुरानी बात ..अब मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं उस पर बात करने में."


"ओके ...नहीं दोहराता ,,,तुमने फ़ोन किया अच्छा लगा ,,,,सब पुरानी बातें याद आ गयी संजू .. जब हम साथ में थे कितने दोस्त थे हमारे सपोर्ट करने वाले. क्या दिन थे यार दोस्तों के सपोर्ट से ही हमने फाइनल इयर में मंदिर में शादी की थी न..उफ्फ...लगता है समझ सब एक सा नही होता.ऐसा समय आखिर होता क्यों है..समय चला जाता है फिर वापस क्यों नहीं आता."

" क्या हुआ कहते हुए तुम इमोशनल हो गये क्या ,,अब क्या करे ,,,,टाइम तो चला गया..जाने दो वो सब बाते."
"काश मंदिर में की गयी वो शादी मान्य हो जाती."
"जाने कितनी शादियाँ होती हैं मंदिरों में और टूट जाती हैं, कुछ तो बचपना होता है, और कुछ ये समाज भुलवा देता है""संजू...तुम्हारे घर वाले मुझे कभी याद करते हैं”“नहीं करते अब हाँ मेरी शादी के पहले कहा था कि अच्छा हुआ उस लड़के से शादी नहीं हुयी”
“हाँ ,,तुम्हारे पापा का वो थप्पड़ अब भी याद है जब मैंने गुस्से में वो मंदिर में शादी वाली फोटो दिखाई थी”“माने तो तुम्हारे घर वाले भी कहाँ थे”“हाँ कॉलेज में भला कौन मानता है शादी के लिए”
“तुमने मुझे बहुत इगनोर किया”“हाँ मैं सिचुएशन समझ गया था तुम्हारे पापा ने भी तो कह दिया था अगर ये शादी हुयी तो वो जहर खा लेंगे”“हम्म....बस यही सोच के मैंने सब एक्सेप्ट कर लिया तुम्हरा इग्नोरेंस भी और पापा की मर्जी भी”
“इसलिए मैंने तुमसे कहा की मुझे करियर बनाना है शादी नहीं करनी, रोया तो मैं भी था”
“हाँ जानती हूँ मैं”

"संजू मैं समय नहीं बदल सकता पर कभी कभी ऐसा लगता है ,, अगर एक ऐसी टाइम मशीन होती तो १० साल पीछे जाकर तुमसे मिलता और शायद कुछ बदल पाता,,,क्या लाइफ थी कॉलेज में ,,,तुम्हारे साथ "

"हम्म...सही कहा ,,,,तुमने ,,,पर टाइम कभी पीछे नहीं जा सकता और आने वाला टाइम आज के हिसाब से बढ़ता है बस. टाइम मशीन सिर्फ एक कोरी कल्पना है वैसा कुछ नहीं होता.""संजू ,,,":
"ह्म्म्म..""थैंक यू "
"ऐसा क्यों ...?"


"पता नहीं 3 साल से जबसे वो गयी है, टूट सा गया था, आज तुमने फोन किया तो कितना अच्छा लगा .."

"मेरी लाइफ ऐसी सिमट गयी है की टाइम ही नहीं मिलता परिवार से ,,,इसलिए इतने सालों बाद कॉल कर पाई ...."


"अरे कोई बात नहीं ...""अच्छा सुनो ....आदित्य रो रहा है ,,,बाद में काल करूंगी ,,उसे खाना खिलाके ,,"


"अच्छा सुनो ,."

“बोलो"
"कब कॉल करोगी ""शायद कल दोपहर कर पाऊं ,,,सासु माँ बाहर हैं न तो कर सकती
हूँ,,कल भी कॉल ,,,वरना फिर बिजी लाइफ चारदीवारी में."

"ओके संजू.. कोई ना ...आराम से "

" बाय ...और हाँ तुम कॉल मत करना इस नंबर पर मैं कॉल करूंगी. ओके बाय.."
“बाय "

"और हाँ.. मैं भूल गयी पुरानी बात, तुम भी भूल कर ‘उसे’ कॉल कर लेना, गुस्सा छोड़ दो ....”
“सोचूंगा इस बारे में”


“...और क्या मैं तुम्हारा नाम लेकर बुलाऊं क्योंकि अब यही सही रहेगा.”“हाँ ,क्यों नहीं बिलकुल.”“ठीक है मैं तुम्हे बाद में कॉल करूंगी.......‘आदित्य’...बाय"


“हम्म...मैं कल तुम्हारे कॉल का इंतज़ार करूंगा. सी यू”

उसने फोन रख दिया था. शहर की भीड़ में भटकते मेरे अकलेपन को उसकी यादों से सराबोर करके. अक्सर समझ नहीं आता कब क्या हो जाता है. समय गतिमान है जिसे न रोका जा सकता है न बदला जा सकता है ,,पर यादों में बसा ये मन जाने क्यों टाइम मशीन से उन यादों को दुबारा जीना चाहता है. संजू ने आज कॉल करके मुझे सब पुरानी बातें याद दिला दी. वो तो शुरू से अच्छी थी बस मैं ही बुरा था उसके लिए. मैंने उसे छोड़ा और मेरी इस गर्लफ्रेंड ने मुझे. लगता है समय का चक्र घूम कर आज या कल आप पर आता ही है,!


पता नहीं कल संजू मुझे कॉल भी करेगी या फिर सालों बाद कॉल आएगा. मैं तो उसके नंबर पर कॉल करके उसे और मुसीबत में नहीं डाल सकता.
वैसे संजू ने सही कहा. टाइम मशीन सिर्फ कोरी कल्पना है और इसी कल्पना पर बैठ कर यादें उन पलों में ले जाती हैं जो सिर्फ था पर अब नहीं है.

" क्या पता अबकी बार जो मिलो ,,,
तो ये बारिश भी सूखी सी लगे..
क्या है न, तुम्हारे बिना अब दरिया भी सूख सा गया है."
……………

©Mithilesh Gupta
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