जिंदगी कुछ हसीं कुछ ग़मगीन - 1 Nilakshi Vashishth द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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जिंदगी कुछ हसीं कुछ ग़मगीन - 1

हेलो रीडर्स,

ये मेरी पहली कहानी हैं .या यु कहु की मेरी अपनी कहानी इस कहानी को लिखने का मेरा मकसद किसी को अपनी तरफ आकर्षित करना नहीं बल्कि जो मेरे दिल में सैलाब अक्सर उमड़ता हैं उसको भ देने से हैं.

अगर कुछ गालिया हो जाये तो माफ़ कीजियेगा पर आपको ये कहानी पसंद जरूर आएगी इतना म जरूर कह सकती हु.

अब शुरू करते हैं शुरू से.......

कहानी की नायिका का नाम हैं ----- कनिका

कनिका का जनम १९९५ में हुआ था ... एक भोत ही नार्मल सी फॅमिली मिडिल क्लास लोग जिसमे उसकी माँ , उसके पापा और उसका एक बड़ा भाई....

उसके पापा उस समय कुछ अचे लोगो की गिनती मैं नहीं आते थे उनकी संगती अछि नहीं थी जिस कारन उनके घर पर अक्सर पुलिस का आना जाना होता रहता था...

घर मैं कभी कभी खाने क लिए भी नहीं होता था जिसकी वजह से उसकी माँ ने फैसला किया की वो अपने बेटे को उसकी नाना क यह पर ही रख कर पढ़ाएगी...धीरे धीरे सब थोड़ा ठीक होता गया ....पर कनिका वो तो एक चुलबुली छोटी सी लड़की थी जिसमे उसके पापा का गुस्सा और उसकी माँ का प्यार भरा हुआ था .पर वो अपने माँ पापा से इतना डर्टी थी की वो उन्हें कभी कुछ भी नहीं कह पति थी ... पर फिर भी वो अपनी जिंदगी में खुश थी क्योकि कुछ ऐसा था उसके पास जो उसकी बाते सुनता भी था और पूरी भी करता था .... उसको नाम देना तो मुश्किल ह पर कनिका की कही बाते अक्सर सच हो जाती थी...

धीरे धीरे इन सबके बीच समय गुज़रता गया तभी उसके घर में एक अजीब से मेहमान ने दस्तक दी .... वो थे उसके पापा क दोस्त जिन्हे वो भोत इजजत और सम्मान देते थे ... वो बुरे नहीं थे...

पर वो कुछ अलग थे... इसी बीच कनिका भी बड़ी हो रही थीउ ...

अब कनिका ६ साल की थी वो अपनी बुआ की शादी मैं गयी हुई थी वह पर उसने कुछ लोगो क यानि अपनी दोड़तो और सहेलियों क सामने ऐसे कुछ बाते कही जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था और जब ये बात उसकी माँ को पता चली तो फिर तो न जाने क्या होने वाला था..... शादी हो गयी और शाम क समय माँ कनिक क पास आयी और उसे अपने पास बैठाया

और पूछने लगी:"कनिका मामा तेरे साथ क्या करते हैं...?????? क्या वो तुझे गलत जगह छूटे हैं की वो तुझे कुछ ऐसा करते हैं जो तुझे गलत लगता हो पर कनिका तो कुछ बोल ही नहीं पा रही थी उसे समाज ही नहीं आ रहा था की वो क्या करे उसे लगा की ये साडी गलती उसकी ही हैं और अब उसे भोत ज्यादा मार पड़ेगी माँ से भी और पापा से भी ... वो भोत ज्यादा दर गयी थी... जब उसने कुछ भी नहीं बोलै तो अचानक से माँ ने उसके गाल पर एक तमाचा जड़ दिया ... वो आखिर एक छोटी बच्ची थी बस एक ६-७ साल की छोटी बच्ची जिसे सिवाय खेलने और कूदने क कुछ भी समँझ नहीं आता था ........

पाठको आप क्या सोचते हैं क्या कनिका ये सब कनिका की गलती थी क्या उसकी माँ ने जो किया वो सब सही था /// अपनी प्रतिकिर्या जरूर दे.... और आगे कनिका क साथ क्या क्या हुआ जानने के लिए पढ़ते रहिये

जिंदगी कुछ हसीं कुछ ग़मगीन

.......