A. the sad lovers books and stories free download online pdf in Hindi

A. the sad lovers

प्यार  करना गलत नहीं है बल्कि प्यार तो एक थोफा है इंसान की जिंदगी में जी प्रभु ने इंसान को दिया है लेकिन कुछ धरम के रखसको ने इसे जुर्म का नाम दिया है  क्या ये सही है लेकिन मेरी नजर में नहीं ये कहानी है एक मुस्लिम लड़की और एक हिन्दू लड़के की जो आपस में बहुत प्यार करते थे वे दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे दोनों एक ही क्लास मे पड़ते थे वे दोनों साथ पड़ते साथ खेलते सभ कुछ साथ करते फिर वे दोनों बेस्ट फ्रेंड बन गए तब उन्हें ये नहीं समझ आता था कि हम कोंन है  हम किस समाज में जीते है वे तो बस एक दूसरे के साथ रहना चाह आते थे फिर उन्होंने ने स्कूल पास किया और कॉलेज मैं चले गए धीरे धीरे वकत बीतने लगा और व बड़े होने लगे तब उन्हें समझ आ चुका था कि एक दूसरे से कितना प्यार करते थे फिर वे लोग एक दूसरे को बोल देते है और प्रेम प्रसंग में बाघ जाते है उनका समय अच्छा गुजरने लगा था दोनों की बाते और बढ़ चुकी थी फोन पर बाते करने का टाइम बढ़ने लगा था दोनों एक दूसरे को हद से ज्यादा चाहने लगे थे फिर उमर बढ़ रही थी कॉलेज का आखरी साल आ गया था वो दोनों फिर साधी कि बात सोचने लगे थे दोनों साधी को लेकर बहुत खुश थे  दोनों ने बहुत सपने थे  फिर उन्होंने अपने अपने घर बताने का सोचा  लेकिन सोच रहे थे कि कैसे बताए फिर उन दोनों ने अपने अपने घर बता दिया लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनकी धर्मो में बहुत अंतर आ चुका था घर वालो ने मना किया और दोनों को बहुत डाटा दोनों के ही घर वाले मैंने को तैयार ही नहीं थे  फिर वे लोग घर वालो की ना मानकर दोनों ने घर से भाग कर जाने का प्लान बना चुके थे आखिर कार एक दिन वो आ ही गया व लोग अपने धर्म के बारे ना सोच कर दोनों ने अपनी जिंदगी को सजाने का फैसला कर लिया था वो लोग घर से भाग गए फिर घर वालो ने बवाल उठाया और लड़के के घर वालो के साथ मार पीट की लेकिन फिर क्या हो सकता था  फिर लड़की का भाईयो ने और घर वालो ने उन्हें बहुत दुंधा लेकिन वे लोग नहीं मिले वे लोग बहुत दूर एक शहर में अपना बसेरा बसा चुके थे जैसे ही वो उस सहर में जाते है उन्हें वहां एक भला इंसान मिल जाता है वो उनकी बहुत मदत करता है उन्हें रहने के लिए जगह दिलाता है और उनकी साधी भी करवा देता है और फिर उसकी नौकरी भी मिल जाती है उसकी जिंदगी का करवा चल पड़ता है फिर उनके घर एक लड़की का जन्म होता है उससे वो दोनों बहुत खुश थे  उनकी जिंदगी में बहुत सारी खुशियां आ गई थी अब उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी अब उसकी। बेटी बड़ी हो रही थी उसने सबसे पहले मा बोला जैसे ही उसने मा बोला उसकी आंखो में आशु आ गए उसे भी अपनी मा की याद आ क्यूकी उसने  भी बहुत सालों से अपनी मा से बात तक नहीं की थी वो फिर अपनी मा को फोन कर देती है उसकी मा बहुत खुश होती है वो सबसे बात करती अपनी मा से भाई से अपने पापा से उसके पापा बोलते है कि हमने तुम्हे माफ कर दिया तुम वापस आ जाओ हम हसी खुसी तुम्हारी साधी मान लेंगे वो मना करती है फिर वो बोलते है कि चलो तुम सभ मिलने आ जाओ वो सोचती थी कि सभ कुछ ठीक हो गया है  फिर वो अपने पति को बताती है पहले उसे ये ठीक नहीं लगा लेकिन फिर उसकी खातिर उसने है कर दी और फिर वे लोग एक दिन चले गए सभ्ने अच्छे से बर्ताव किया सभ खुश थे वो अपनी मा से मिले घर वालो से मिले फिर अगले दिन जाने लगे तो उसके भाई ने उसे जाते समय रास्ते में बहुत बुरी तरह मार डाला तीनों को खतम कर दिया इस तरह हमारे आजाद भारत में हमें आज भी आजादी नहीं है हम पहले अंग्रेज़ो के गुलाम थे और आज इन धरम के ठेकेदारों के तो बस ये थी रजत और आस्मा की कहानी अंत में यही बोलना चाहता हूं प्लीज इस धरम जाट पात से दूर रहकर एक अच्छा इंसान बनो  ok dosto bye 

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