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Somewhat लव 3

Somewhat लव part 3
स्तुति :अभी रात के दो बजे है
राहुल :हा अभी! एअर फोन कान मे डाल के बात कर!
स्तुति : सब ठीक हे ना?
राहुल : तू फोन करेगी या नहीं ? वरना मे कभी नहीं बताऊगा!
स्तुति : बोल (धीरे से फूसफुसाते हुये )
राहुल : मे ना आज मेरेज बियूरो गया था लड़की देखने के लिए...
स्तुति : हे भगवान!

शाम के करीब करीब साड़े पाँच बज चुके थे , ऑफिस से निकलने मे स्तुतिकों आज थोड़ी देरी सी हो गई थी पार्ट टाइम नोकरी जॉइन कर्ली थी उसने...
जल्द भागके उसने लिफ्ट का दरवज़ा खोला ग्राउंड फ्लोरे का बटन दबाते हुये फोन निकाला...
9727...
राहुल का नंबर टाइप किया काफी हिम्मत कर ने बावजूट वो डायल न कर पायी... अब थक चुकी थी वो Being ignored होते होते 6 महीनो से राहुल ने उसे ब्लॉक कर के जो रखा था ॥
लिफ्ट रुकी, दरवाजा खुला ओर सामने खड़े थे
मिस्टर राहुल ओर उनकी प्रिय धर्मपत्नी स्वीटी
उसी आधी रात जब राहुल ने उससे कॉल करवाया था ।
स्तुति : तूने मेरेज ब्यूरो मे नाम लिखवाया है क्या ?
राहुल : हाँ
स्तुति : अच्छा है ! लडिकियों का लगा है बुफ़े चाहो जो करलो चुज
तीन लडकिया देखि थी उसने ओर ओर तीनों उसे भा गई थी ।
ओर सब का फोटो के साथ बायो डेटा स्तुति के फोन मे आ गया था
घंटो बाते चली...
स्तुति: तेरी बीवी को न मे दीदी बुलौंगी
राहुल : ठीक है साली , आधी घरवाली जी
दोनों हस्स दिये ...
एसे ही महीने बीत गए !
एक दिन करीब – करीब रात के 12 बजे
‘ये कोन है ?’
“स्वीटी , कल इससे देख ने जा रहा हु मेरे मोसी के शहर मे रहती है मुजसे दो साल छोटी है , पहली नज़र मे तो इतनी नहीं पसंद आई पर जब ध्यान से देखा फिर अच्छी लगने लगी”

हम्म... प्यारी है , चेहेरे पे बिलकुल घमंड नहीं बिलकुल सरल स्वभाव की लगती है यह समज पाएगी तुजे! 
राहुल लड़की देख ने जाता है साथ सब लाइव अपडेट स्तुति को देते जाता है उसी दिन रात को जब राहुल घर लौट रहा था 
राहुल :आज की रात अगर तू मेरे साथ जाग लेगी तो तुजे एसी चीज़ दूंगा जो मेरे दिल के बोहोत करीब है॥
ओर शायद, वोह काली रात उन दोनों के रिश्ते के लिए कयामत की रात बनने जा रही थी ओर राहुल ओर स्वीती के लिए नया सूरज उदय करनेवाली थी
कहते कुछ रिस्तों के नाम नहीं होते , शायद इसीलिए वो इतने खास होते है ॥
पर इस्स रात कुछ एसा ही खास बेनामी रिस्ता अपनी पराकाष्ठा पार कर ने वाला था वोह भी ऑनलाइन...
स्तुति : क्या चीज़ है वोह ?
राहुल : मेरे ओर स्वीटी का इंटरव्यू सिर्फ मोम डेड ओर मेरे कज़न को ही यह सुनाया है अब तू बाकी है तुजे सुनके हमेशा – हमेशा के लीये संभाल के कही रख दूंगा
स्तुति : ड्राइव तो नहीं कर रहा न
राहुल : नहीं ! ड्राईवर चला रहा है ओर मे बाजू मे बेठा हू मेरी माँ को मेरी ड्राइविंग पह भरोसा ही नहीं है
स्तुति : मे आंटी के साथ हु
राहुल : यार ! स्वीटी एक बार मेरी ज़िंदगी मे जाएगी तो अपनी इस दोस्ती का क्या होगा । वेसे तो वोह बोहोत अछी है पर... चल तेरा इंटरों करावा दूंगा
स्तुति : तेरे सारे राज़ मेरे पास पर्दाफाश है तेरी बीवी को मेरे पास कोचिंग पे रखना पड़ेगा
राहुल : वोह बात तो सही कही । हमारा प्यार कितना पवित्र है मैं बातों से कितना भी तुजे छेड़ लू लेकिन जब तू साथ हो तब कभी उसस नज़र से तुजे देखा तक नहीं ॥
स्तुति : पता है इसीलिए तू मुझे पसंद्द है , तू बिलकुल वेसा है जेसा मेने सोचा था की मेरा हमसफर केसा होगा , क्या फाइदा ! तू मेरा नहीं है
राहुल : सच ! मैंने तुजे पहले ही कहा था हमारे रिस्ते का कोई भविस्य नहीं है , पर अब कुछ हो भी नहीं सकता
स्तुति : हो सकता है .. पता है क्या ! किड्नाप्पींग
राहुल : तुजे बिन पिये चड़ गयी लगता है
स्तुति : अरे सच तुजे तेरी ही शादी से उठा के ‘कहो न प्यार है’ की तरह किसी सुमसन आइलेंड पे ले जा सकते है
राहुल : थक जाएगी तू
स्तुति : क्यूं ?
राहुल : अब कोई सूमसन आइलेंड पे ले जाके इसे ही नहीं छोड़ता अब कुछ करेंगे तो थक ही जाएगी न तू
स्तुति : तू जा अब ( न जाने एक लहर उसके पूरे बदन मे डॉड गई जेसे करेंट लग रहा हो )
सपनों की दुनिया मे वो खोते चले गए
मदहोश न थे पर मद होश होते चले गए
न जाने क्या बात थी उसकी बातों मे
न चाहते एक दूसरे होते चले गए
एक सुकून मिलथा स्तुति को नज़र भर मिलने से , पता नहीं अगर बाहे मिल जाती तो क्या होता
पर अब जो होने वाला था वोह तो सपने मे नही न सोचा था जिससे जीएम कहके दिन होता था सोने दो अब नींद आ रही है से सुरमई राते आती थी वोह हवा होने वाला थ बस एक कहानी बन के रेह जाने वाला था ॥
स्वीटि शादी के लिए हाँ करने वाली थी , शादी का फ़ाइनल करने वोह राहुल के घर आने वाले थे  दिन से राहुल से ऑनलाइन या फोन पे मिलना नहीं हुआ था , स्तुति की चिंता बढ़ती जा रही थी के अगर फिर से किसी लड़की ने रिजैक्ट कर दिया तो क्वीन की कंगना रनोट को संभाल न मुकिल हो जाएगा
मेरा तो पूरा जिंदगी बर्बाद हो गया है कह के रोने बेट जाएगा राहुल !
दुपहरी को राहुल का फोन आया
स्तुति : क्या आया तेरा रिज़ल्ट ?
राहुल : मेरा रिज़ल्ट मेरी बगल मे ही बेठा है ले बात कर !
स्तुति : क्या ? सुन ! किसे दे रहा है फोन ? क्या कहा स्वीटी ने? हैलो हैलो राहुल !
स्वीटी : हैलो
सामने स्वीटी थी , शहद जेसी आवाज़ लिए, हदबड़ाहट ओर घभराहर मे कुछ बोल न पायी स्तुति congratulations कह के फोन रख दिया
सुभे जब उठी तो राहुल का मैसेज पढ़ा कॉल कर बात करनी है ॥
माँ – पापा सो रहे थे बचते-बचाते दूसरे रूम मे जाके कॉल किया
राहुल : आज सुभे उठके मुझे सब से पहले तेरा ख्याल आया के तू कल से चिंता मे होगी चल तुजसे बात करलु , तू ही तो है मेरा पहला प्यार !
स्तुति : अब रहने दे ! झूठ किसी ओर के पास बोल ना , पूरी लिस्ट है मेरे पास तेरे प्यारो की , चलो मे एसा कहू तो भी कुछ हद तक वो ठीक है !!
राहुल : तो बोल ना ! यही सुन ने के लिए तो तरस गया हु , कहा कह रहा हु मुजसे ब्याह कर बच्चे कर , सिर्फ आई लव यू तो कहना है ॥
स्तुति : ( थोड़ी नोक-जोक के बाद टॉपिक बदल ते) अच्छा ! कल के बारे मे बता कुछ!
राहुल : अब कल के बारे मे क्या कहु ! हम लिफ्ट मे जा रहे थे , लिफ्ट मे केमेरे थे नहीं तो मैंने क्या किया... लिफ्ट दूसरे ओर तीसरे माले के बीच रोक दी ओर मैंने उससे कीस के लिए पूछा ओर बाद मे हम ने लीप टू लीप नहीं जीभ टकराए एसी फ़्रांच वाली कीस की बाद मे टाइट हग किया ॥
स्तुति : छि……… यक... ईव....
राहुल : अब यक क्या उसमे , वेसे स्वीटी तुजे तेरे सोतन के रूप मे केसी लगी!
सोतन ! बोलने से पहले कहा कुछ सोचता था कभी कुछ भी , कही भी , किसी के बारे मे , बेजीजक , बेधड़क कह देता था वोह स्तुति से.... पर अब जो होने वाला था वोह तो कल्पना से भी परे था !
रात के दो बजे ‘मेरा’ राहुल ऑनलाइन मन ही मन बोल जाने के बाद स्तुति ‘मेरा’ श्बद इतरा गयी ! उसे मेसेज किया की बोहोत देर हो गयी है सो जा ओर उसके रिप्लाइ की राह देखने लगी आधा घंटा बीत चुका था राहुल के नाम पे से वोह ऑनलाइन नहीं हटा थक के स्तुति सो गयी आज पहली बार उसे लगा के ,
वो जो देर रात तक जगके गुज़री हुई वोह राते थी
क्या सच मैं था प्यार या सिर्फ बाते थी !
तीन दिन हो चले थे न कोई बात हुई , ना ही कोई बात पता चली
अचानक एफ़बी पे पोस्ट देखि 
“She is the one , love of my life sweetie thanks dear for coming in my life , you are that perfect girl which I always dream for…”
वाह ! सिर्फ तीन दिन मे जनाब को पता चल गया के वो वही लड़की है ड्रीम गर्ल
कुछ दिन बाद रिप्लाइ आया स्वीटी के साथ बात कर रहा था
स्वीटी यह ,स्वीटी वो, उसे ये पसंद है, उसे वो पसंद है, यह खाना उसे बोहोत अच्छा लगता है, वोह खाना बनाने मे बोहोत अच्छी है...
स्तुति फ्लैश बॅक मे चली जाती है
स्तुति : सोच ले पूरी ज़िंदगी एसी जली हुई रोटिया ही मिलेगी
राहुल : एसी ही रोटिया खानी है पूरी लाइफ कुछ करना

काफी दिनो बाद स्तुति ने कॉल किया
“ कहा है , क्या कर रहा है , क्यू कर रहा है , कुछ पता है तुजे या हम सबको भूल ही गया है न मेसेज का आन्सर देता है न फोन उठता है , पहले कही जाता था तो पूरा टाइम टेबल भेज देता था , अब हफ्ते भर से न बात ना चेट इसी दुनिया मे है ना?”
इक ही सांस मे सब बोल गई स्तुति ,
“ भूल गया सब कुछ , याद नहीं अब कुछ हो हो , बस्स यही एक बात न भुला स्वीटी आई लव यू “ उ....उ....उ.....
“ स्वीटी होले होले चलो एसे न चलो जेसे हो तमंचे की गोली; गा लिया मेरे कानो मे ज़ोरों ज़ोरों से , मिल गई शांति अब कुछ बताएगा ?”
“अरे मेरे ससुराल आया हु चल बाइ स्वीटी बुला रही है उसके लिए गहने लेने जाना है , शादी की डेट फिक्स हो गई हे ना !! ‘
“ अरे यह तो बाता कब है ?”
“इस्स महीने की पाँच को , चल बाइ”
किसी की जिंदगी मे जब हमारे मायने बोहोत खास से आम से हो जाते है तब येही ‘आम’ हम हजम नहीं कर पते गुठली मानो गले मे अटक जाती है , स्तुति की हालत भी कुछ एसी होती जा रही थी...
एसे ही दिन बादल बन के उड़ते गए , वहा राहुल के जीवन मे तो बसंत आई हुई थी पर स्तुति की हालत तो पतजड के मोसम जेसा होता जा रहा था...
एक रात उस ने एफ़बी पर से स्वीटि का नंबर लिया ओर बात करने लगी
बातों मे कुछ खास नहीं जितना दो साल मे स्तुति राहुल को जानती थी उतना स्वीटी 2 हफ़्तों मे जान ने लगी थी
पिंगा गपोरी गाना दिमाग से निकाल नहीं पा रहा था , आज वोह बाजीराव मसतानी मूवी की काशी बाई जो बन गयी थी... जिनकी आप पत्नी है वोह हमारे भी पति है कितनी ड्रामेबाज़ थी यार यह स्तुति
गलती से मज़ाक मज़ाक मे उसने राहुल को मेसेज कर दिया के देख मैं तेरी वाट लगेगी पर वाट लग गयी उसकी
आगे उसकी शादी का कार्ड था ओर थोड़े घंटो बाद लिखा था
थैंक यू , थैंक यू सो मच... तेरे जेसी दोस्त हो तो दुश्मन की क्या ज़रूरत ! कितनी मिन्नतों के बात मेरी लाइफ मे खुशिया आई थी , पर तुजसे तो ये तक न देखा गया , यह ऊमीद नहीं थी तुजसे गुड बाइ हमेश के लिए , अच्छा सिला दिया तूने मुझे...

सुभे जब स्तुति ने देखा तो वोह हदबदा गयी थी एक धड़कन भुल गई थी , कुछ भी समजने मे असमर्थ थी वोह , एसा क्यू कहा राहुल ने क्यूँ , स्वीटी ने मुझे ब्लॉक कर दिया , राहुल ने भी ब्लॉक कर दिया , एसी कोन सी खता हो गयी उससे
पेरो तले से ज़मीन खिसक जाना इसे ही कहते है शायद॥
उसने कॉल किया अलग अलग नंबरो से किया कोई जवाब नहीं कल शादी है उसकी क्या हुआ होगा, क्यू, केसे,
क्या स्वीती ने कुछ कहा होगा , क्या उसकी मुह से कुछ निकाल गया होगा राहुल के बारे मे जानने के लिए अगला ओर आखरी हिस्सा आएगा जल्द...

Do review and comment ! sorry for the being late… somewhat loves you all my readers

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