The Lost Astronaut - Step in sun - 6 books and stories free download online pdf in Hindi

द लॉस्ट एस्ट्रोनॉट:स्टेप इन द सन पार्ट-6

द लॉस्ट एस्ट्रोनॉट

भाग 6

ज़रूरी सूचना-

यह कहानी केवल कल्पना पर आधारित हैं किसी भी वास्तविकता से इसका मेल केवल संयोग मात्र है,केवल मनोरंजन की दृष्टि से ही अध्ययन करें।

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एलन और उसके तीन साथी सूर्य पर आ चुके थे इस बार उन्हें सफर तय करने में 108 दिन का समय लगा क्योंकि इस बार वो नई तकनीक वाली स्पेसक्राफ्ट में आये थे।उसने बिना समय गंवाए झट से कॉरिडोर का दरवाजा खोला और इधर उधर नज़र दौड़ाने लगा उसकी नज़र जैकोल को ढूंढ रही थी नजाने वह किस हालत में होगा उसकी वेश-भूषा कैसी होगी इन्ही सब बातों को वो अपने मन मे सोचता हुआ यहां वहां देख रहा था उसने अपने साथ आये तीनों लोगो को अलग अलग दिशा में ढूंढने के आदेश दिया और खुद एक तरफ बढ़ने लगा।कुछ दूर चलने के बाद उसे अपने हाथ मे लगे हुए डिवाइस से बजर बजने की आवाज़ आयी उसने डिवाइस में देखा असामान्य चुम्बकीय तरंग अचानक उसके मुंह से निकला उसने अगले ही पल अपना सिर दायीं तरफ घुमाया और सामने का दृश्य उसे यहां देखने की उम्मीद बिल्कुल नही थी उसका मुंह खुला का खुला रह गया था एक पल के लिए उसका दिमाग काम करना बंद हो गया उसने कुछ समय तक सोचा और जल्दी से अपने साथ आये तीनो साथियों को माइक्रोफोन के जरिये संदेश दिया कि जल्दी वे उसके पास पहुंचे वे लोग ज्यादा दूर नही गए थे यही कारण था कि वे लोग बहुत जल्दी वहां पहुंच गए क्या हुआ एलन तुमने हमें इतनी जल्दी क्यो बुलाया?उनमे से एक व्यक्ति ने सवाल किया जरा....दाहिनी तरफ देखो एलन ने उंगली दिखा के इशारा किया उन तीनो की भी वही हालात हुई जो एलन की कुछ देर पहले थी “अद्भुत....” “दैट्स अमेजिंग” उन्हें काफी खुशी हो रही थी लेकिन उससे ज्यादा आश्चर्य हो रहा था आखिर ये सब हुआ कैसे?? सामने एक दो मंजिला इमारत थी जिसमे बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था “जैकोल्स लैब” वो इमारत पुरी केस्टीन से बनी थी मतलब जैकोल जीवित था वे चारों जैकोल के लैब की तरफ बढ़ने लगे सामने एक दरवाज़ा था जिसके बगल में एक मॉनिटर लगा हुआ था उसमें एक मैसेज लिखा था-व्हू आर यू? उसने लिखा एलन स्मिथ व्हाट इस योर बर्थ डेट? मॉनिटर पे अगला सवाल आया- 24जुलाई 1990 उसने लिखा इसी तरह मॉनिटर पे कई सवाल आये जिसका जवाब एलन लगातार दे रहा था आकिरकर मॉनिटर पे “आइडेंटिफाइड” का मैसेज आया और दरवाज़े दो अलग अलग दिशाओं में सरकने लगे वो तीनो अंदर जाने लगे सामने एक और दरवाज़ा था उसके सामने एक काले रंग की झिल्लीदार सूट लटकी थी लेकिन वो सूट एक ही थी जिसपर एलन लिखा हुआ था एलन समझ गया था कि जैकोल नही चाहता था कि इस लैब में उसके सिवाय कोई और कदम रखे उसने अपने साथ आये तीनो साथियों से विनती की आप बाहर रहिये उनमे से एक ने कहा एलन तुम्हे अकेले नही जाना चाहिए पता नही अंदर क्या क्या होगा और अपना सूट उतार देने के बाद तुम हमसे बात भी नही कर पाओगे। हम इतनी दूर आएं हैं और यहां के जैकोल के रहस्य को पता लगाए बिना मैं यहां से नही जाने वाला मैं अंदर जा रहा हूँ हम यहां 1 हफ्ते के ये आये थे यदि मैं एक हफ्ते तक बाहर नही आया तो तुम लोग अंदर आने की कोशिश मत करना और मुझे छोड़कर चले जाना ठीक है?? एलन ने कहा।

ठीक हैं हम लोग स्पेसक्राफ्ट में लौट रहे हैं 1 हफ्ते तक हमलोग तुम्हारा इंतेज़ार करेंगे तुम हो आओ।

एलन अंदर जाने लगता हैं जैसे वो अपना दूसरा कदम रखता है दरवजा बन्द हो जाता है सामने लटके सूट को पहनकर दरवाज़े के सामने होता है एक छोटी से लाइट दरवाज़े के अंदर से निकली और उसके छाती पर आकर रुक गयी वो लाइट एलन के सूट को अच्छे से चेक कर रही थी जांच पड़ताल करने के बाद वह दरवाज़ा भी खुल गया वो अंदर चला गया अंदर का दृश्य पृथ्वी के किसी सामान्य प्रयोगशाला की तरह ही था उसने अपना सूट उतार दिया और अब सामान्य कपड़ो में आगया था अब समय था उसके लैब को अच्छे से देखने का उसने सबसे पहले सामने रखे एक लंबे से टेबल की तरफ अपनी कदम बढाई सामने बहुत सारे पेपर्स थे उसने पेपर्स को उलट पुलट कर देखना शुरू किया पेपर्स में क्या लिखा था उसे एक शब्द भी समझ नही आया था क्योंकि ऐसी भाषा उसने कभी नही पढ़ी थी उसे लगा हो सकता है जैकोल अपनी खोज को गुप्त रखने के लिए अपने बनाये हए किसी भाषा का प्रयोग कर रहा हो? पेपर्स के बीच बीच मे कई अजीबोगरीब तस्वीर बनी हुई थी जिसे पेन से बनाया गया था हांथो के चित्र तो कहीं अजीब से चेहरे वाले एलियंस की तस्वीर कहीं छोटे छोटे कीड़ों की तस्वीर यहां तक कि बच्चों और अजीबोगरीब गुप्तअंगों के चित्र भी उसे मिलें माज़रा क्या था उसकी समझ मे नही आया उसने ऊन फाइल्स को वहीं टेबल में रख दिया उसके बाद दूसरे टेबल की तरफ बढा वहां लम्बे रेशे और गुच्छेदार बाल थे जिन्हें कांच के टुकड़े में रखा गया उसी टेबल में कुछ दूर एक हड्डी थी जो किस अंग की हैं यह समझना उसकी समझ से बाहर था उसने उसे हाथ मे लिया और टोटल के देख तब पता चला की वो केवल एक मॉडल हैं जिससे जैकोल ने ही बनाया था लैब के केवल एक ही कमरे में उसे हज़ारों रहस्यमयी चीजें मिली कई सिर वाले साँप की केंचुली, बौने कद वाले और बड़े सिर वाले एलियंस के बच्चों की कंकाल जिसके बारे में केवल जैकोल को ही पता था पहले कमरे की जांच में ही लगभग उसे 5 घंटे लगे कहीं कोई तरल उबल रहा था कही लाल रंग के कांच के डिब्बे में खिलौने वाली यू.एफ.ओ. थी लेकिन काफी मसक्कत बाद उससे अपनी काम की चीज़ मिली और वो थी एक पत्र जिसमें जैकोल ने लिखा था-

एलन तुम्हे यह पत्र पढ़ते वक़्त बहुत बहुत अच्छा लग रहा होगा तुम और मैं परम मित्र हैं मेरी कोई चीज़ तुमसे नही छिपी और नही तुम्हारी कोई चीज़ मुझसे छिपी है मुझे पता है कि टेबल में रखी चीजों के अध्ययन के बाद तुम्हारी मानसिक स्थिति कैसी होगी में तुम्हे वहां रखे सभी चीजों के बारे में बताना चाहता था लेकिन क्या करूं मित्र समय नही हैं मेरे पास मैने वो सारे फाइल्स खुदके भाषा से तैयार किया है ताकि यदि पृथ्वी का कोई व्यक्ति वहां पहुँच भी जाता है तो उसे केवल यह पत्र ही समझ मे आने वाली हैं नाकि मेरे रिसर्च जो मैं एक लंबे अरसे से करता रहा हूँ मैं एक अज्ञात ग्रह के लिए रवाना हो रहा हूँ कब लौटूंगा पता नही शायद न भी लौटूं में उस ग्रह का नाम तुम्हे नहीं बताना चाहता तुम वहां आ पहुँचोगे दोस्त.… वहां जाया तो जा सकता हैं लेकिन आने के लिए बहुत संघर्ष की आवश्यकता है उस ग्रह की कुछ अपने नियम है पृथ्वी से अलग..... मैं वहां जा रहा हूँ,

मुझे पता है में सूर्य में छूट गया था,इसमे तुम्हारा कोई दोष नही है मैं सब कुछ समझ गया था तुम यह पत्र लेजाओ वैसे मेरा लैब तो तुम्हारा ही है लेकिन बिना ज्ञान के किसी वस्तु को हाँथ मत लगाना वो घातक हो सकता हैं तुम केवल यह पत्र ले जा सकते हो समय बर्बाद मत करो मित्र इसी समय पृथ्वी लौट जाओ और मुझे ढूंढने की कोशिश मत करना में कहां हूँ यह पता चल जाने के बावजूद भी तुम वहां नही आओगे में स्वयम बहुत जल्द पृथ्वी में आऊंगा अपनी नई नई खोज के साथ अपना ख्याल रखना दोस्त....

तुम्हारा मित्र

जैक नोलन (जैकोल)।

कैसी अद्भुत समस्या थी जैकोल मिलके भी नही मिला एलन ने ठान लिया कि वो वहाँ जाएगा जहां जैकोल गया है लेकिन वो कहाँ गया है? यही तो समस्या थी एलन ने उसके लैब को और अच्छे से जांचने का निर्णय लिया जैकोल के 2 मंज़िली प्रयोगशाला में 3 कमरे नीचे में 1 बरामदा और 4 कमरे ऊपर थे उसने सारा लैब छान मारा लेकिन इन्ही अजीबोगरबीर और रहस्यमयी चीजों के अलावा उसे और कोई जानकारी नही मिली जो उसे ये बताये की जैकोल आखिर गया कहाँ है? उंसने समय देखा उसे यहां आए 13 घंटे हो चुके थे और वहीं उसे यह भी याद आया कि उसके साथ आये 3 साथी उसका इंतेज़ार कर रहे होंगे और उसने भारी मन से जैकोल का वो लैटर उठाया और दरवाज़े के सामने जाके खड़ा हो गया इस बार मॉनिटर ने कुछ भी सवाल नही किया जैसे ही एलन दरवाज़े के सामने जाके खड़ा होता वैसे ही दरवाज़ा खुल जाता अपना स्पेस सूट पहनके वो बाहर निकला और दरवाज़ा अपने आप बंद हो गया वो अपने स्पेसक्राफ्ट की तरफ बढ़ने लगा कुछ ही क्षण में वो अपने स्पेसक्राफ्ट पर पहुंच चुका था उसके तीनो साथियों ने उससे कई सवाल पूछे उंसने उनको वो सब बता दिया जो एलन ने अंदर देखा था एलन ने अपने स्पेस रिसर्च सेंटर को यह खबर दी और कहा कि वो इस समय जीवित है या नही यह कहना तो कठिन है लेकिन वो सूर्य से जीवित बच निकला था इतना ही नही उंसने यहां सूर्य पर अपनी एक लैब बना ली है जहां वो कई रहस्यमयी प्रोजेक्ट्स पर काम भी कर रहा है उंसने एक लेटर छोड़ी है मेरे नाम जिसमे उंसने लिखा है कि मेरे इन फाइल्स को छूना मन है उस लैब में केवल मैं और जैकोल ही जा सकते हैं मैने काफी कोशिश की की पता लगा सकूं की वो कहाँ गया है लेकिन कोई फायदा नही उंसने कही इस बात का वर्णन नही किया की वो आखिर किस ग्रह में जा रहा है? उंसने अज्ञात ग्रह के बारे में बात की लेकिन मैं इतना समझ गया हूँ कि वो हमारी गैलेक्सी से बाहर गया है मेरी और लाखों लोगों के मन मे जो सवाल है उनका जवाब केवल जैकोल के पास ही है और हम पृथ्वी लौट रहे है। यह कहके एलन वापस पृथ्वी के लिए रवाना हो जाता है।

जैकोल कहाँ गया था? वह इतने वर्षों तक कैसे जीवित रहा? उन वो अजीबोगरबी चित्र व हड्डियां किसकी थी? आखिर वो किस चीज़ पे रिसर्च कर रहा था? इन सभी रहस्यों का सच जानने के लिये पढ़े इसी कहानी का अगला भाग दी अननोन प्लेनेट:रिटर्न्स ऑफ जैकोल।

कुछ अन्य बातें-

“नमस्कार मित्रो मैं राघव शर्मा इस कहानी का लेखक यह कहानी मेरी प्रथम कहानी है जो मैंने लिखी थी और इस कहानी में आपको कई सारी त्रुटियां भी मिलेंगी जैसे इस कहानी में जैकोल के परिवार का वर्णन न के बराबर है या प्रोफेसर स्टीव के बारे में आधी अधूरी जानकारी ऐसी बहुत सी त्रुटियां है इस कहानी में और उसका एक मात्र कारण है कि जब मैंने यह कहानी लिखनी शुरू की थी उस समय मैं केवल 13 वर्ष का था और न ही उस समय मुझमे लिखने की समझ थी फिर भी लिखता गया कुछ वर्ष के बाद मुझे यह कहानी वापस मिली मैने इसे पढ़ कर अपलोड करने का निश्चय किया और इसे एक बार फिरसे लिखने का सोचा 1 और 2 भाग लिखने के बाद मेरी 12वीं की परीक्षा शुरू हो गयी इसके कारण मैं इस कहानी को अच्छे से समय नही दे पाया और मुझे पुरानी वाली कहानी ही अपलोड करनी पड़ी लेकिन इसके अगले भाग दी अननोन प्लेनेट:रिटर्न्स ऑफ जैकोल मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा कि आपको एक बहुत सुंदर कहानी दे पाऊं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आपको पसंद आई होगी और इसमें सच्चाई ढूंढने की कोशिश मत करियेगा क्योंकि न तो ऐसी कोई घटना घटी है और नही केस्टीन नामक कोई धातु है यह कहानी केवल मनोरंजन के दृष्टि से ही उचित है।”

लेखक-

राघव शर्मा

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