बोसकोंब वैली का रहस्य - 4 Sir Arthur Conan Doyle द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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बोसकोंब वैली का रहस्य - 4

दी एडवेंचर्स ऑफ़ शेरलोक होम्स

बोसकोंब वैली का रहस्य

(4)

“उस चुहे के बारे में क्या?”

शरलॉक होम्स ने एक लिपटा हुआ कागज अपनी जेब से बाहर निकाला और उसे टेबल पर खोल के सीधा किया। “ये विक्टोरिया कॉलोनी का एक नक्शा है,” वे बोले। “मैंने इसे कल रात ब्रिस्टल से मँगवाया था।” उन्होने अपना हाथ नक्शे के एक हिस्से पर रखा। “इसे पढो जरा?”

“अरॅट (ARAT) ” मैंने पढा।

“और अब?” उन्होंने हाथ हटाया।

“बालारॅट (BALAARAT)”

“बिल्कुल सही। यही वह शब्द है जो उस आदमी ने बडबडाये थे, और वह लडका आखरी के दो शब्द ही सुन पाया होगा। वह उस खुनी का नाम उच्चारने की कोशिश कर रहा था। वह नाम है, बालारॅट।”

“बहुत खूब!” मैं खुशी से चिल्लाया।

“यह स्वाभाविक है। और अब, तुम देखो, मैनें किस तरह इस गुत्थी को संकुचित कर दिया है। उस मटमैले लबादे का मिलना यह वह तीसरा मुद्दा है, जो उस लडके के बयान को सही ठहराती है, जो यकीन-ऐ-काबील भी है। अब हम बहुत सी अस्पष्ट बातों में से एक पक्की बात पर आ सकते है कि वह खुनी एक ऑस्ट्रेलियन है जो बालारॅट है और मटमैले रंग का लबादा ओढे रहता है।”

“बिल्कुल।”

“और वह जो उस समय घर पर ही था, क्यों की तालाब को जाने वाला रास्ता खेत से या फिर कोठी से होकर ही गुजरता है, जहाँ कोई नया आदमी आता जाता नही।”

“बिल्कुल सही।”

“अब हम आज की गतिविधीयों पर आ जाते है। जमीन के निरिक्षण से मुझे कुछ चौंकाने वाले तथ्य मिले है, जो मैंने उस मुर्ख लेस्ट्रॅड को दिये थे, जो किसी आरोपी से कम नही।”

“फिर तुम्हे वह मिले कैसे?”

“तुम्हे मेरे काम करने का तरीका पता है। यह पाया जाता है व्यर्थ के कुढे कचरे में से।”

“मैं उसके पाँव के निशान से उसकी उँचाई जान सकता हुँ। उसके जुते भी उन निशान के द्वारा यह बात बता सकते है।”

“हाँ, वे बडे विचित्र जुते थे।”

“लेकिन, उसका लँगडापन? ”

“उसके दाँये पाव का निशान हमेशा उसके बाँये पाँव से कम गहरा था। वह एक पाँव पर कम वजन डालता होगा, क्यों? क्यों की वह लँगडा था।”

“किंतु उसके बाएँ हाथ से काम करने वाली बात।”

“आपके घाव खुद आपके टकराने की बात सिद्ध करते है। वार अचानक पिछे से किया गया, और वह भी बाँयी तरफ। तो यह कैसे संभव है जब तक की वार करने वाला बाएँ हाथ से काम करने वाला ना हो? उसने वहाँ धुम्रपान भी किया। मुझे वहाँ सीगार की राख भी मिली, अपने अनुभव से मैं राख की गंध से ये कह सकता हुँ कि वह एक इंडियन सीगार थी। तुम जानते हो, मैंने 140 अलग अलग प्रकार के पाईप्स, सीगार और तंबाखु के बारे एक छोटा सा शोध-प्रबंध भी लिखा है। मुझे जब वह राख मिली, तब मैंने चारों ओर देखा और मुझे सीगार का बचा हुआ टुकडा दलदल के उपर दिखाई दिया। वह एक इंडियन सीगार थी, जो की रॉटरडॅम में बनायी जाती है।

“और वह सीगार होल्डर?”

“मैंने ये देखा कि सीगार का एक छोर मुँह से लगा नहीं था। इसलिये वह होल्डर का इस्तेमाल करता था। सीगार का दुसरा छोर कटा हुआ था ना की मुँह से कुतरा हुआ, लेकीन कटा हुआ छोर साफ नहीं था इसलिये मैंने कहा कि उसके पास एक छोटा कुंद चाकू होगा।”

(पृष्ठ क्र.-10)

“होम्स,” मैंने कहा, “तुमने अपराधी के चारों तरफ एक जाल बिछा रखा है, जिससे वह बच नहीं सकता, और तुमने एक निर्दोष जीव को बचाया है, सही मायने में तुमने उसके गले की उस रस्सी को काट डाला है जो उसको लटका रही थी। मैं उस दिशा में देख रहा हुँ जहाँ सभी सुईयाँ उस अपराधी को इंगित कर रही है। अपराधी है ---”

“मि, जॉन टर्नर,” चिल्लाते हुए होटल के वेटर ने एक मेहमान को हमारे बैठने के कमरे का दरवाजा खोलते हुए अंदर भेजा।

जो आदमी अंदर आया था वह एक अजीब सा और प्रभावशाली व्यक्तित्व का धनी था। उसकी धीमी चाल, लँगडाते कदम और झुके हुए कँधे उसका वर्णन खुद कर रहे थे, और उसके कठोर, गहरी रेखाएँ और चट्टान के समान विशेषताएँ तथा उसकी बडी बडी टाँगे ये दर्शाती थी कि वह अनोखी शक्ति व चरित्र का धनी था। उसकी उलझी दाढी, बिखरे बाल और बडी घनी भँवे ये सब उसके व्यक्तित्व को और ज्यादा गौरवांवित व ताकतवर बना रही थी, लेकिन उसका चेहरा राख की तरह सफेद था, जबकी ओंठ और नाक के कोने हल्के नीले रंग लिये थे। मेरे लिये ये जानना पर्याप्त था कि वह किसी असाध्य और संक्रामक रोग से ग्रसित है।

“दुआ करे और सोफे पर बैठ जाये,” होम्स ने शांती से कहा। “आपको मेरा संदेश मिला होगा?”

“हाँ, उस चौकिदार ने लाकर दिया था। आपने कहा था कि यदी आप विवाद मे फँसना नहीं चाहते हो आकर के मिले।”

“मैंने सोचा कि यदी मैं हॉल तक गया तो लोग बेवजह की बातें बनायेंगे।”

“और आप मुझसे मिलना क्यों चाहते है?” वह अधीर आँखों से मेरे साथीयों की तरफ देखता हुआ बोला, हालाँकी उसके प्रश्न का जवाब उसे पहले ही मिल चुका था।

“हाँ, होम्स ने कहा, वे उसके रूप को देखते हुए बोले ना की उसके प्रश्न को। “वह इसलिये कि मैं मॅकार्थी के बारे में सबकुछ जान चुका हुँ।”

उस बुढे आदमी ने अपना चेहरा अपने हाथों में छुपा लिया। “भगवान मुझे बचायें!” वह रो पडा। “किंतु मैं उस युवक को जरा भी तकलिफ देने की चेष्टा नहीं करुँगा। मैं वचन देता हुँ कि जो कुछ मैंने कहा वह न्यायालय में उसके खिलाफ नहीं जायेगा।”

“मुझे सुनकर खुशी हुई,” होम्स ने गंभीरता से कहा।

“मैं अब सबकुछ कह चुका और यह मेरी बेटी के हित में नहीं होगा। यह उसके दिल तोडने वाली बात होगी- उसका दिल टुट जायेगा जब उसे पता चलेगा कि मुझे गिरफ्तार किया गया है।”

“शायद ऐसा ना हो,” होम्स ने कहा।

“मैं आधिकारिक व्यक्ति नहीं हुँ। मैं समझता हुँ कि ये आपकी बेटी के चाहने कि वजह से हुआ है, और मैं उनकी ईच्छनुसार ही ये काम कर रहा हुँ। आखिरकार युवक मॅकार्थी को छुट जाने चाहिये।”

“मैं एक मरणासन्न व्यक्ति हुँ,” बुढे टर्नर ने कहा। “मुझे कई सालों से डायबिटीज है। मेरे डॉक्टर का कहना है कि मैं शायद एखाद माह ही जीवीत रह पाऊँगा। सो मैं कारागृह के बजाय अपने घर में ही मरना चाहुँगा।”

होम्स खडे हुए और टेबल के समीप अपने हाथों में पेन और पेपर का गट्ठा लेकर बैठ गये। “हमें सिर्फ सच बात बताओ,” वे बोले। “मैं उन बातों को लिख लेता हुँ। तुम उस पर अपने हस्ताक्षर कर देना। और वॉटसन गवाह बन जायेंगे। तभी मैं आपका इकरारनामा एक आखरी सिरे के तौर पर युवक मॅकार्थी को छुडाने हेतु इस्तेमाल कर सकुँगा। मैं आपको वचन देता हुँ कि मैं इसका इस्तेमाल बहुत जरूरत पडने पर ही करूँगा।”

“ठिक है,” उस बुढे आदमी नें कहा; “यहाँ सवाल ये है कि क्या मैं न्यायालय तक जाने के लिये बचा रहुँगा, अतः ये सब मेरे लिये कुछ खास मायने नहीं रखता, किंतु मैं अपनी बच्ची को कोई पिडा पहुँचाना नहीं चाहता। और अब मैं आपसे कुछ बाते साफ कर देना चाहता हुँ जिसे करने में काफी लँबा समय लग गया है किंतु बताने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।

“आप इस मरे हुए मॅकार्थी को नहीं जानते। वह शैतान का अवतार था। मैं आपको बताता हुँ। भगवान आपको ऐसे आदमी के चुँगल से बचाये। उसने मुझे पिछले बीस सालों से जकड रखा था, और उसने मेरा जीना हराम कर दिया था। मैं आपको बताता हुँ कैसे मैं उसके आधिपत्य में आया।

“यह 1960 के शुरूआती दशक की बात थी। उस समय मैं एक नौजवान युवक था, गरम मिजाज और लापरवाह सा, कुछ भी करने को हमेशा तैयार; मेरी संगत बुरे लोगों में लग गयी, शराब पिना, बदकिस्मत, झाडियों में छुपकर बैठना और एक इशारे पर काम करना जिसे आप महामार्ग के लुटेरे कह सकते हो। हम छह लोग थे, और एक बेतरतीब जीवन बसर कर रहे थे, बेपरवाह, यहाँ से वहाँ, या फिर रास्तों के वाहनों को रोक कर उन्हें लुटना। मैं बालारॅट के काले चोर के नाम से विख्यात था, और आज भी हमारी टोली को लोग बालारॅट-गॅंग के नाम से याद करते है।

“एक दिन सोने से लदा एक काफिला बालारॅट से मेलबॉर्न की तरफ जा रहा था, और हम उसकी राह देखते हुए उस पर आक्रमन कर बैठे। उस पर छह जवान थे और हम भी छह थे, अतः वह एक आसान लडाई थी। चार को तो हमने पहले ही वार में लुडका दिया था। लूट का माल लेकर भागने से पहले, हमारे तीन आदमी मारे जा चुके थे। मैंने अपनी पिस्तौल वाहन चालक के कनपटी पर लगा दी, जो और कोई नही, बल्कि मॅकार्थी ही था। काश की मैंने उसी समय उसे मार दिया होता, लेकिन मैंने उसे छोड दिया, हालाँकी मैंने उसे अपनी बारिक कुत्सित आँखों को मेरे चेहरे पर गाडते हुए देखा था। वह सारा सोना अपने साथ ले गया, एक अमीर आदमी बनाया गया, और बिना किसी शक के इंगलॅड की ओर रवाना हो गये। फिर मैं अपने पुराने यारों से अलग हो गया और एक शांत और आदरणिय जीवन व्यापन करने की सोची। मैंने यह जायदाद खरीदी, जो संयोगवश बाजार के बीच में स्थित है, और इस प्रकार मैं कुछ धन कमाने में यशस्वी रहा।

(पृष्ठ क्र.-11)

मैंने शादी भी कर ली, और हालाँकी मेरी पत्नी युवावस्था में ही गुजर गई लेकिन मेरे वास्ते एक प्यारी सी बेटी एलिस को छोड गई। जब वह छोटी थी, तभी से उसका नन्हा हाथ मेरा उचित मार्गदर्शन किया करता था अन्यथा मैं कुछ ना कर पाता। एक शब्द में कहुँ तो मैं एक नये पत्ते की तरह खिल गया और अपने अतीत को सुधारने की कोशीश करने लगा। सबकुछ ठिक चल रहा था कि मॅकार्थी ने अपना शिकंजा मेरे उपर कसना शुरू कर दिया।

मैं कुछ निवेश के काम से शहर गया था, और मेरी मुलाकात उससे रिजंट स्ट्रीट पर हुई। तन पर बमुश्किल कोई कपडा और पैर में कोई जुता भी ना था।

“तो हम यहाँ मिल ही गये जॅक,” उसने मुझे कंधे से छुते हुए कहा; “हम तुम्हारे परिवार की तरह ही रहेंगे। हम सिर्फ दो लोग है, मैं और मेरा बेटा, और ऐवज में तुम हमारा सब कुछ रख सकते हो। यदी नहीं रखा तो इंगलॅड एक सुशासित देश है और यहाँ हर तरफ पुलिसवाले खडे होते है।”

“तो, इस प्रकार वे यहाँ पश्चिमी देश में आ पहुँचे, और अब उन्हें कोई हिला नहीं सकता था, और तब से वे मेरी सबसे बढिया जमीन पर बिना किसी किराये के रह रहें है। मेरे लिये कोई आराम नहीं था, कोई शांती नहीं, भुलक्कड सा हो गया था मैं; जहाँ भी देखता उसका शातीर और काँईयाँ चेहरा मेरे आसपास दिखाई देता। यह सब एलिस के बडे होते होते और भी ज्यादा भयावह होता गया, जब उसे यह पता चला कि मैं पुलिस से ज्यादा अपनी बेटी से अपने भुतकाल के पता होने के कारण भयभित था। उसे जो चाहिये होता वह ले लेता, और मैं बिना कुछ पुछे उसे अपनी जमीन, जायदाद देता गया। और अंत में उसने मेरी बेटी को भी मुझसे माँग लिया।”

“उसका बेटा, आपने देखा होगा, कितना बडा हो गया है, और मेरी बेटी भी, और उसे मेरी खराब होती तबीयत के बारे में भी पता था। उसे यह एक बढिया चाल लगी कि उसका बेटा अब पुरी जायदाद पर अपने कदम रखें। लेकिन मैं अपने फैसले पर अडिग था। मैं उसके पाप के धन को अपने में समाहित नहीं कर सकता था; ऐसा नहीं है कि मैं उसे नापसंद करता था, लेकिन उसमें भी तो उसके बाप का ही खुन दौड रहा था। मैं अडिग खडा था। मॅकार्थी ने मुझे धमकाया। मैनें उसका डट कर सामना किया। हमें अपने दो घरों के बीच पडने वाले तलाब के किनारे मिलना था।”

“जब मैं वहाँ पहुँचा तो मैने देखा वह अपने बेटे से कुछ बात कर रहा है, अतः उसके बेटे के चले जाने तक मैं एक पेड के पिछे छुप कर सीगार पीने लगा। लेकिन जब मैंने उसकी मेरे प्रति कडवी बाते सुनी तो मेरा खुन खौल उठा। वह अपने बेटे से मेरी बेटी के साथ विवाह की बात कुछ ऐसे कर रहा था जैसे वह कोई गली की फुहड लडकी हो। मैं यहाँ सोच कर पागल हुआ जा रहा था कि मेरी अमुल्य संपत्ती और जो कुछ मेरा प्रिय मेरे पास था वह सब इस आदमी के पास जाने वाला था। क्या मुझे यहाँ रिश्ता तोड नहीं देना चाहिये। मैं तो मरने के लिये बेकरार आदमी था। सो मैने यह सब साफ तरिके से सोच कर अपना भाग्य तय कर लिया था। लेकिन मेरी यादें और मेरी बेटी! दोनों बच सकते थे यदी मैं उसकी गंदी जुबान बंद कर दुँ। और मैंने किया भी, मि. होम्स। इसे मैं फिर करना चाहुँगा। मैं पाप से भरा हुआ हुँ, मैंने शहादत भरी जिंदगी जी है। किंतु मेरी बेटी भी उन्हीं काँटो भरी झाडियों में फँसे, जिसने मुझे फँसाया था, ये मैं कदापी नहीं चाहुँगा। मैंने बिना किसी मलाल के उस पर वार किया मानों वह कोई जहरिला जानवर हो। उसकी चिल्लाहट ने उसके बेटे को वापस आने पर मजबुर किया; लेकिन मैं घने पेडों के पिछे छुप गया, हालाँकी मुझे मेरा लबदा लाने के लिये फिर से वहाँ जाना पडा, जो मैने लडाई के दौरान गिरा दिया था। जो कुछ हुआ उसकी यही सच्ची कहानी है महोदय।”

“ठिक है, किंतु मैं तुम्हारा फैसला नहीं कर सकता,” होम्स ने कहा जबकी वह बुढा आदमी अपने बयान पर दस्तखत कर रहा था, जो लिखा गया था। “मैं दुआ करता हुँ कि हम ऐसे किसी लालच में ना फँसे।”

“नही श्रीमान, और आप क्या करना चाहते है?”

“तुम्हारी हालत को देखते हुए, कुछ नहीं करना चाहता। तुम खुद भी जानते हो कि जल्द ही तुम्हे न्यायपिठ के अलावा उच्च न्यायालय में भी जवाब देना होगा। मैं तुम्हारा बयान अपने पास रखता हुँ, और यदी मॅकार्थी को दोषी ठहराया गया तभी मैं इसे इस्तेमाल करुँगा। यदी नही, तो इस बात का पता किसी भी जीवीत व्यक्ति को नही होगा, तुम जीवीत रहो या ना रहो, ये हमारे पास सदा सुरक्षित रहेगा।”

“अलविदा,” उस बुढे आदमी ने सत्यनिष्ठा से कहा। “मेरी मृत्युशैय्या जब आयेगी तब मैं आपकी बातों को याद करते हुये आराम से मर सकुँगा।” वह अपनी उँची पुरी काया में डगमगाते व हिलते हुए कमरे से बाहर गिरते पडते चला गया।

“हे ईश्वर, रक्षा करों!” एक लँबी चुप्पी के बाद होम्स बोले। “क्यों नसीब इन गरिबों, बेसहारा लोगों के साथ ही ऐसे खेल खेलती है? मैंने इसके पहले कभी इस प्रकार के केस के बारे नहीं सुना होगा और बॅक्सटर के कहेनुसार, “वहाँ, किंतु भगवान के कृपा से, शरलॉक होम्स आगे बढता जाता है ।”

जेम्स मॅकार्थी को, होम्स के द्वारा उपस्थित कई आपत्तियों के मध्येनजर, जो प्रतिवादी वकिल को उन्होने दिये थे, न्यायविदों ने बाइज्ज्त रिहा कर दिया। बुढा टर्नर हमारी मुलाकात के बाद सात महिनों तक जिंदा रहा, अब वह मर चुका है; और इस बात की पुरी गुँजाईश है कि दोनो, बेटे और बेटी दोनों विवाह कर, बिना अपने काले भुतकाल के काले बादलों को जाने, सुख से जीवन बसर कर रहे होंगे।

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