अधूरी हमारी कहानी sonal singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अधूरी हमारी कहानी

अधूरी हमारी कहानी

हमें नही पता होता कि कौन हमें कब-कहाँ, और किस मोड़ पे मिल जाए। कुछ ऐसी ही घटना मेरे साथ घटित हुई थी। मुझे आज भी वह दिन अच्छे से याद है जब वह मेरी जिंदगी में आया था। वह मंगलवार का दिन था जब उसने मुझे सोशल मीडिया पर फ़्रेंड रिक्वेस्ट भेजा था। पहले मैनें उसका रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं किया। वह क्या है ना कि आजकल के जमाने में सोशल मीडिया पे कई लड़के फेक एअकाउंट बनाकर लड़कियों को तंग करते हैं। इसलिए कई बार सोच समझकर आखिरकार मैंने उसका फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर लिया। धीरे धीरे हमारी बातें होने लगी। एक पल ऐसा आया जब हमारा एक – दूसरे से बात किए बिना मन नही लगता था।

एक दिन उसने मुझे मैसेज किया कि आज मेरा जन्मदिन है और में अपना जन्मदिन तुम्हारे साथ मनाना चाहता हूँ। उसके काफी मनाने पर मुझे यह एहसास हुआ कि शायद मुझे उससे एक बार मिल लेना चाहिए और मैं अपने आप को रोक ना सकी। अगले ही दिन हम टॉवर चौक पर मिले। फिर हम लोग नें एक दूसरे के साथ बहुत मस्ती की जैसे कि हमने एक साथ ख़रीददारी की, कुल्फी खाया और फिर हम लोग अपने-अपने घर आ गए। उसके साथ वह बिताया पल मैं कभी नही भूल सकती। उससे मिलकर मुझे ऐसा लगा ही नहीं कि मैं उससे पहली बार मिल रही हूँ। उसके प्रति मेरे मन में दिनों दिन एक अलग ही एहसास उमड़ने लगी। एक अलग सा अनकहा सा रिश्ता सा जुड़ गया था उससे। जिदंगी में कभी सोचा नही था की मुझे कभी किसी से इतनी मोहब्बत होगी। वो कहते है ना इश्क, मोहब्बत, प्यार का कोई धर्म नही होता, उसकी कोई सीमा नही होती, ना कोई बंधन होता है। प्यार हर धर्म, हर सीमा, हर बंधन से परे होता है। इसलिए तो मैनें शायद धर्म जात के परे जा कर उससे मोहब्बत की। यह जानते हुए की वह ना तो मेरे जात का है, ना ही मेरे धर्म का। वह एक ईसाई है। मैं जानती थी की हम कभी एक नही हो सकते है, लेकिन फिर भी कोशिश की लड़ने की, अपने प्यार के लिए मैंने हर हद पार की।

एक दिन उसने मुझे मैसेज किया- "एक बार मुझसे मिलो तुम्हें हमारी प्यार की कसम। उसकी यह बात सुनकर मुझसे रहा नही गया। मैं उससे मिलने के लिए व्याकूल हो गई और दौड़ी-दौड़ी उसके पास चली गई। एक दूसरे को देखते ही हम दोनों की आँखें नम हो गई। हमने तय किया कि हम अपने माता-पिता व सभी परिवार जनों को हमारे रिश्ते के लिए मनाने कि कोशिश अवश्य करेंगे। हमने यह भी तय किया कि चाहे कुछ भी हो जाए हम अपने माता-पिता का दिल दुखाकर या उन्हे तकलीफ़ देकर एक होने कि कोशिश नही करेंगे।

हमने काफी कोशिश की पर हमारे माता-पिता नही माने। इसलिए हमने अपने दिल पर पत्थर रख कर एक दूसरे से अलग होने का फैसला किया। वो बात अलग है कि अलग होकर भी हम एक दूसरे को दिलो जान से चाहते है और हमेशा चाहते रहेंगे। हम पास ना होकर भी साथ ज़रुर है।

लेकिन शायद तकदीर को कुछ और ही मंजूर था। पुरे पाँच साल बाद मैं एक काम के सिलसिले में न्युर्योक गई थी। मुझे क्या पता था कि मेरी किश्मत मुझे वहाँ क्यों ले गई थी। फिर से वहाँ मेरी मुलाकात उससे हुई उसे देखकर ऐसा लगा मानों वो सारे पल जो हमने साथ में बिताए थे उस एक पल में हमारे सामने आ गए थे और मुझे ऐसा लग रहा था मानों में आसमान चुम रही हूँ। सारी दुनियाँ हमारी कदमों के निचे आ गई हो। मुझे उस समय ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे मैंने अपनी मंजिल को हासिल कर ली हो।

“तुम यहाँ कैसे” मैनें उससे पुछा

“काम! मै यहाँ के रिलाईंस कंपनी में काम करता हूँ”, पर तुम यहाँ कैसे?

“तुम शायद विश्वास नही करोगे कि मैं उसी कंपनी को जोइन कर रहा हूँ।”

“क्या”

“हाँ””

“पाँच साल बाद तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा।”मैने कहा

“हाँ मुझे भी” उसने कहा

खुदकिश्मती से वह मेरे ही कंपनी में काम करता था। यह जानकर मेरे अंदर एक नई किरण उमड़ आई मुझे लगा शायद हम लोग फिर से एक हो सके।

प्यार तो प्यार होता है

प्यार एक एहसास है

जिसे हम महसुस कर सकते है

प्यार में कुछ गलत या सही नहीं होता

सिर्फ एक दुसरे को पाने की चाहत होती है।

पर मेरा यह ख्वाब तब टुट गया जब असलियत का एहसास हुआ। पाँच साल बहुत होते है जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए। मेरी शादी रोहीत से हो चुकी थी और उसकी रीया से। हमने अपने-अपने परिवार की खुशी के लिए शादी कर ली थी लेकिन किसी और से प्यार नही कर पाए। प्यार तो एक ही बार होता है न तो फिर हम कैसे किसी और से प्यार करते, पर हाँ हम उनकी बहुत इज्ज़त करते थे कभी भी उन्हे तकलीफ़ नही पहुँचाना चाहते थे। हम चारों एक दुसारे के साथ काफी घुल मिल गए थे। लेकिन रिया और रोहीत दोनो ही हमारे इस सच से अनजान थे। ऐसा नहीं था कि वह हमारे अतीत के बारे कुछ नही जानते थे। उन्हें यह मालुम था कि हम दोनों का ही पहला प्यार कोई और है और उसकी जगह कोई नही ले सकता था। लेकिन फीर भी उन्हे कोई एतराज़ नही था।

रोज की तरह मै उसके से साथ ऑफिस में एख प्रॉजेक्ट पे काम कर रही थी पता नही कैसे अचानक से उसने मुझसे पुछा कि क्या में अपनी जिंदगी में खुश हूँ। मैने कहा हाँ, रोहीत बहुत अच्छा लड़का है। पर एक बात है हमारा प्यार कभी खत्म नही होगा। हमारी यह सारी बाते रोहीत एवं रीया नें सुन ली। हमें बहुत बुरा लग रहा था कि हमारे वजह से उन दो लोगों को तकलीफ हुई जिन्होनें हर मुश्क्लि वक्त में हमारा साथ दिया था। हमने खुल कर उन्हे सबकुछ बता दिया। उन्होने कहा कि अगर हम चाहे तो उन्हे तलाख दे सकते है। उनकी यह बात हमारे दिल को छु गई। हमने सोचा प्यार को पाने की कोशीश में हम उनका दिल नही तोड़ सकते है। इसलिए हमने उनको साथ नही छोड़ा और ना ही अपने प्यार का। हम आज भी साथ है।

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