समय Suresh Kumar Patel द्वारा पत्रिका में हिंदी पीडीएफ

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मित्र या शत्रु

हरवक्त हर घड़ी हम समय के बारे में ही कुछ न कुछ बाते करते रहते है| चाहे समय अच्छा चल रहा हो या बुरा, समय सही हो या गलत, समय ही हम सबके जीवन की रूपरेखाए तय करता रहता है| हमें हरएक परिस्थितियो में समय ही सबसे बड़ा प्रेरकबल लगता है| कोई वस्तू या परिस्थिति का परिणाम हम समय के माथे जड़ देते है, ‘यह तो काम सरल था परन्तु मेरा समय ख़राब चल रहा है’, ‘मैंने तो पूरी निष्ठा व् जोस से कार्य किया था पर अभी मेरा समय मेरे साथ नहीं है |’

हा, हर परिस्थिति का या परिणाम का जिम्मेदार कोई है तो वह सिर्फ ‘समय’ ही है| परन्तु इसी कारण के लिए हम समय को अपना शत्रु नहीं कह सकते, क्योंकि न जाने यही समय ने आपको विपरीत परिणाम देके शायद बड़े नुकशान से बचाया भी हो पर आपको उस होने वाले नुकशान का आभाष न हो..!सत प्रतिसत सही है की जीवन के हर पड़ाव को समय ही ठीक करता है चाहे फिर वह सुख हो या दुःख हो|

दुनिया में दुःख को भुलाने के लिए या दुःख से दूर होने के लिए एक ही उपाय है और वह है समय, जी हा, समय आपके सारे दु:खो को भुलाने का एक अलौकिक इलाज है|

हमें समय या परिस्थियो से डरने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि समय का एक ही नियम है चलते रहना, और इसी नियम के लाभरूपी हमें बस अपना मन बनाये रखना है की हमारा यह वकत भी गुजर जायेगा और सबसे अच्छा दिन भी इक दिन जरुर आएगा | और ऐसे ही सफलताओ व् अच्छे दिनों में भी यही विचार करना चाहिए की हमें अपनी सफलताओ के बहाव में बह जाना नहीं है, पर उस अनुकुल समय का भरपूर उपयोग करके अपना स्तर और ऊपर उठाने का प्रयाश करते रहना है |

सफलता व् निष्फलता बस और कुछ नहीं पर एक तरह से सही या गलत वकत का ही परिणाम है| निष्फलता के दौर में समय से डरने की कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि समय के ही नियम की वजह से हमें मालूम होना चाहिए की बस हमें कुछ इन्तजार करना है ताकि यह कठिन समय अपने आप निकल जाये, और हमें उस कठिन वकत में कोई बुरे विचार किये बिना बस अपने लक्ष्य के प्रति कदम बढ़ाते रेहना है |

निसफल होने की हम सबकी बस एक ही बीमारी है की हम समय से पहले ही डर जाते है |हमें अपने कार्य के परिणाम की चिंता किये बिना बस अपना कार्य पूरी निष्ठा व् मेहनत से करे देना है फिर चाहे हमें परिणाम कोई भी मिले क्योंकि कुदरत या समय का एक ही नियम है की जो कार्य हुआ उसीके मुताबिक आपको अपना परिणाम मिलेगा ही फिर चाहे उसे कितना भी वकत क्यूँ न लगे | हा फिर परिणाम आपके कार्यके मुताबिक ही मिलेंगे यह अवश्य तय है मतलब सही कार्य सही परिणाम, और गलत कार्य गलत परिणाम | कभी कभी हम सोचते है की हमने तो कोई ख़राब कार्य नहीं किये है हमने तो न ही किसीको धोखे से अपना कार्य किया है न ही किशिको मजबूर करके अपने कार्य करवाए है फिर भी परिणाम हमारे फेवर मै क्यों नहीं आ रहे? तो इसका अक ही उतर है और वह खुद समय है| क्योंकि अभी समय या परिस्थिति सायद आपके कार्य का उत्तम परिणाम न दे पाए पर आप गभाराए नहीं और समय पर पूरा विश्वास रखें | और बन सके तो समय को अपना मित्र बना लीजिये | क्योंकि कोई भी सच्चा मित्र अपने मित्र का नुकसान कभी नहीं करता, हा कभी कभी वह आपके साथ नहीं होता पर इसका यह मतलब नहीं है की आपका दोस्त आपका शत्रु बन बैठा है, बिलकुल नहीं| वेसे ही आपको समय से कभी डरने की जरुरत नहीं है, बल्कि समय को अपना प्रिय मित्र बनाना है| फिर चाहे कैसी भी परिस्थिति हो|

आपने अपने जीवन के चदाव उतार में यह महसूस किया होगा की जो लोग सफल होते है वह पूरी तरह से अपने कार्य के प्रति वफादार और अपने समय के प्रति आशावान होते है तब भी जाके वह सफल हो पाते है, और एसा भी नहीं की हर सफल व्यक्ति ने अपने सुरुआत के कार्यो से ही सफलता हांसिल करली हो, नहीं उन्हें भी अपनी सफलता पाने के लिए सही समय का इन्तजार करना पड़ा होगा |

अगर हम अपने एक या दो प्रयास करने के बाद तुरंत यह सोचने लगे की मै तो कोई कार्य में उचित परिणाम नहीं ला पा रहा हु, और दुसरे तो तुरंत अपना मन चाहा परिणाम प्राप्त कर लेते है | अब बस, मै यह कार्य छोड़ देता हु यह मेरे बस की बात नहीं है मेरा समय ही ख़राब चल रहा है, ऐसी बाते एक सफल व्यक्ति को शोभा नहीं देगी क्योंकि अब तो हम सब जान गए है की समय या हर वकत सबका एक जैसा नहीं होता | और सही समय आने से पहले ही डर जाना यह तो कायरता की निसानी है, इसीलिए हमें अपनी सोच को बदलके निराशावादी से आशावादी में बदलना होगा | क्योकि समय किसी भी व्यक्ति के रंग-रूप, कद-काठी, नात-जात से सही या गलत नहीं होता परन्तु समय तो अपना नियम बनाये रखता है जो है की ‘निरंतर’ चलना |

‘समय’ ही एक ऐसा है जिसे पूरी दुनिया कोसती रहती है, पर समय किसी की परवाह नहीं करता और न ही किसी की सुनता है वह तो बस अपने नियम पर अडिग खड़ा रहता है और वह है चलते रेहना, चलते रेहना बस चलते रेहना| समय से हमें भी सीखना चाहिए की हमें परिणाम की परवाह किये बिना अपने कार्य पर ध्यान देना चाहिए | और समय से डरने की जगह: हमें उससे प्रेम करना चाहिए ताकि हम अपने ख़राब समय में भी मन को अपने लक्ष्य से विचलित न कर पाए |

हम एक बात पर तो गौर दे सकते है की हर सफल व्यक्ति ने चाहे कितनी ही विपरीत परिस्थितियो को पार किया हो या नहीं कितने ही ख़राब परिणामो को जेला हो या नहीं पर एक बात तो तय है की एक सफल व्यक्ति ने एक कार्य अवश्य किया है और वह है समय को अपना मित्र बनाना | जी हा, हर सफल व्यक्ति की एक खासियत यह रही है की उन्होंने समय को अपना मित्र बनाके रखा होता है, चाहे फिर समय अच्छा चल रहा हो या बुरा | उन्होंने बस समय को अपना मित्र बनाके रखना सिख लिया है और हम सबको भी अगर एक दिन सफल व्यक्ति बनना है तो यह कार्य तो अवश्य करना पड़ेगा की समय को अपना मित्र बनाना सीखना पड़ेगा |

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