गद्दार Mirza Hafiz Baig द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें गद्दार गद्दार Mirza Hafiz Baig द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 1.5k 12.9k राख की उसी ढेर से वह एक आश्चर्य की तरह बाहर निकल आया । खाक आलूदा चेहरा, राख आलूदा सिर । कलिख पुते हुये हाथ पैर वह एक छोटा नन्हा सा मासूम । उसका यूं प्रगट होना ...और पढ़ेआश्चर्य से कम नहीं था । राख के उस ढेर मे उसके माता पिता ढेर हो चुके थे । माता पिता ही क्या आस पड़ोस और पूरा मुहल्ला ही राख की ढेर मे तब्दील हो चुका था । उस आग मे कोई एक भी ऐसा नहीं बचा था जिसे वह जनता हो, या जिस पर विश्वास करता हो । इस बात का पूरा पूरा खयाल रखा गया था कि कोई भी न बचे । इस लिये उसका बच जाना और भी अचरज की बात थी । वह नन्हा, जले हुये मलबे के ढेर मे कुछ तलाश रहा था । कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें गद्दार अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Mirza Hafiz Baig फॉलो