गद्दार Mirza Hafiz Baig द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

गद्दार

Mirza Hafiz Baig मातृभारती सत्यापित द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां

राख की उसी ढेर से वह एक आश्चर्य की तरह बाहर निकल आया । खाक आलूदा चेहरा, राख आलूदा सिर । कलिख पुते हुये हाथ पैर वह एक छोटा नन्हा सा मासूम । उसका यूं प्रगट होना ...और पढ़े


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