यह कहानी उपनिषदों से संबंधित है, जिसमें देवताओं और असुरों के बीच के संघर्ष और देवताओं के अभिमान की कथा प्रस्तुत की गई है। देवता और असुर, दोनों एक ही पिता के संतान हैं लेकिन उनकी माताएँ अलग हैं। एक बार देवताओं की हार हुई और असुरों ने स्वर्गलोक पर अधिकार कर लिया। पराजित देवता अपनी विपत्ति से दुखी होकर परमब्रह्म की शरण में गए। परमब्रह्म ने उन्हें पुनः शक्तियाँ प्रदान कीं और देवताओं ने असुरों पर विजय प्राप्त की। इस विजय के बाद, देवताओं में अभिमान पैदा हो गया, जिससे उन्होंने अपनी शक्ति को परमब्रह्म की महिमा से अलग मान लिया। इस अभिमान को दूर करने के लिए, परमब्रह्म ने एक यक्ष का रूप धारण कर देवताओं के पास पहुंचने का निश्चय किया। देवताओं ने यक्ष को देखकर भयभीत हो गए और उसकी पहचान जानने को उत्सुक हो गए। यह कथा यह सिखाती है कि अभिमान और अहंकार अंततः पतन का कारण बन सकते हैं। भाग-१ उपनिषद की कथाएँ MB (Official) द्वारा हिंदी लघुकथा 25 7.7k Downloads 11.2k Views Writen by MB (Official) Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Part-1 Upnishad Ki Kathaein More Likes This चालाक कौवा द्वारा falguni doshi My Shayari Book - 1 द्वारा Roshan baiplawat रंगीन कहानी - भाग 1 द्वारा Gadriya Boy तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया द्वारा S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 द्वारा IMoni True Love द्वारा Misha Nayra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी