कहानी "आइना सच नहीं बोलता" में समरप्रताप सिंह और उनके परिवार की जीवनशैली का चित्रण किया गया है। समरप्रताप सुबह की पूजा में मग्न हैं जबकि उनकी बहू नंदिनी ने धीरे-धीरे उनके दैनिक कार्यों की ज़िम्मेदारी ले ली है। घर में दीपक के अमेरिका चले जाने के बाद की चुप्पी और चुनाव की हलचल के बीच भावनाओं का संघर्ष चलता रहता है। अमिता, समरप्रताप की पत्नी, परिवार के सदस्यों के बीच असहजता को संभालने की कोशिश कर रही हैं। नंदिनी अपने ससुर के सामने पड़ने से बचती हैं जबकि समरप्रताप भी दीपक की अनुपस्थिति से दुखी हैं। कहानी में एक शिशु का बर्ताव भावनाओं को थोड़ी देर के लिए भुला देता है। कहानी में पारिवारिक संबंधों, भावनाओं और वर्षो से चलती आ रही पारिवारिक परंपराओं का गहन विश्लेषण किया गया है। नंदिनी अपने ज़ेवर का बक्सा अमिता को देते हुए पारिवारिक संघर्षों और स्त्रीधन के महत्व को उजागर करती हैं। इस प्रकार, कहानी जीवन की जटिलताओं और परिवार के सदस्यों के बीच के संबंधों को दर्शाती है। आइना _सच_नहीं_बोलता Neelima Sharma द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 38 2.3k Downloads 8.8k Views Writen by Neelima Sharma Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण माँ और सासू माँ के बीच बैठी नंदिनी सोचती रही थी इस भरे पूरे संसार में अपना मोल. यदि दिवित ना होता तो शायद उसके ससुराल में भी उसके लिए कोई जगह ना होती. वो सिर्फ़ एक अदद वारिस की माँ है. उसकी इस भरी-पूरी दुनिया में बस यही पहचान है. अपमान और कुंठा से उसका मन रुंध गया. अनायास ही वह सिल्विया से अपना मेल बिठाने लगी. सिल्विया अपने प्रेयस की प्रिया, उसकी संतान की माँ होने के अलावा एक पढ़ी-लिखी नौकरियाफ़्ता स्वतंत्र वजूद की मलिका भी थी. तो क्या दीपक को यही बात उसके पास वापस खींच ले गयी थी उसने तो बचपन से सर झुका कर बस समर्पण करना ही सीखा था. उससे तो यही कहा गया था कि उसके सुख के द्वार इसी रास्ते पड़ेंगे. फिर कब कहाँ क्या ग़लत हो गया Novels आइना सच नहीं बोलता “रिश्ते सीमेंट और ईंटों की मज़बूत दीवारों में क़ैद हो कर नहीं पनपते... उन्हें जीने के लिये खुली बाहों का आकाश चाहिये। क्या विवाह हो जाना ही एक स्त्री... More Likes This अंधकार का देवता - 1 द्वारा Goku सर्वथा मौलिक चिंतन - भाग 1 द्वारा Brijmohan sharma मेरा रक्षक - भाग 1 द्वारा ekshayra अम्मा का मटकी भर सोना और प्लेनचिट - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha न देखा, न सुना - 1 द्वारा Brijmohan sharma दूध का क़र्ज़ - 1 द्वारा S Sinha खेल खेल में - जादूई - भाग 1 द्वारा Kaushik Dave अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी