यह कहानी "पूस की रात" प्रेमचंद की एक संवेदनशील कहानी है जिसमें हल्कू नामक एक किसान की कठिनाइयों का वर्णन किया गया है। हल्कू अपनी पत्नी मुन्नी से कहता है कि उसे सहना (ऋणदाता) से पैसे देने हैं ताकि वह कंबल खरीद सके, क्योंकि ठंड की रात में बिना कंबल के सोना मुश्किल है। मुन्नी उसे पैसे नहीं देने के लिए कहती है, क्योंकि उनके पास केवल तीन रुपये हैं और उन्हें खेती के बकाया ऋण भी चुकाने हैं। हल्कू अंततः मुन्नी के कहने पर पैसे लेता है, लेकिन यह सोचकर जाता है कि वह अपनी मेहनत की कमाई से कंबल नहीं खरीद पाएगा। कहानी में हल्कू की निराशा और उसके जीवन की कठिनाइयों को दर्शाया गया है, जिसमें वह अपने कुत्ते जबरा के साथ ठंड में कांपता है। कहानी मानव जीवन की कठिनाइयों, गरीबी और जीवन के यथार्थ को अत्यंत प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करती है। भाग-५- प्रेमचंद की बाल कहानियाँ Munshi Premchand द्वारा हिंदी बाल कथाएँ 4 7.8k Downloads 21.8k Views Writen by Munshi Premchand Category बाल कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Part-5 - Premchand ki Bal Kahaniya Novels प्रेमचंद की बाल कहानियाँ रेमचंद हिंदी के उन महान् कथाकारों में थे, जिन्होंने बडों के लिए विपुल कथा-संसार की रचना के साथ-साथ विशेष रूप से बच्चों के लिए भी लिखा। उस समय एक ओर स... More Likes This अमृत की खोज द्वारा ANOKHI JHA तेरी मेरी यारी - 1 द्वारा Ashish Kumar Trivedi आम का बगीचा - भाग 1 द्वारा pooja एक बस स्टॉप द्वारा Birendrapatel विवान द सुपर स्टार - 1 द्वारा Himanshu Singh मिन्नी और चीकी की दोस्ती द्वारा MB (Official) आपकी मुस्कान द्वारा DINESH KUMAR KEER अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी