कहानी "आखिर कब तक?" एक भावनात्मक फोन कॉल के इर्द-गिर्द घूमती है। मालती, जो रसोई में व्यस्त है, एक फोन कॉल उठाती है और उसे पता चलता है कि कॉल करने वाला रितेश है, जिसे उसने पहले मृत समझा था। रितेश उसे बताता है कि वह जीवित है और उसके साथ-साथ मालती की बेटी भी जिंदा है, जिसे उसने उसके परिवार को सौंपा था। रितेश ने अपने कैंसर की बीमारी के बारे में भी बताया और कहा कि उसके पास बहुत कम समय है। वह मालती से चाहता है कि वह अपनी बेटी से मिले, ताकि वह उसे संभाल सके क्योंकि रितेश को पता है कि उसकी बीमारी के बारे में जानकर उसकी बेटी बिखर जाएगी। कहानी में मालती की भावनाएं, आशंका और खुशी का मिश्रण है, जब वह अपनी बेटी के बारे में सुनती है। रितेश की स्थिति की गंभीरता और मालती की जिम्मेदारी के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनती है। आख़िर कब तक Rashmi Tarika द्वारा हिंदी लघुकथा 10 1.9k Downloads 7.7k Views Writen by Rashmi Tarika Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कन्या भ्रूण हत्या के दंश को झेलती एक ऐसी माँ की व्यथा जिसे अपने ससुराल वालों की ज़िद्द पर अपनी बेटी को ख़ुद से जुदा करना पड़ा लेकिन एक दिन क़िस्मत फिर से उन्हें क़रीब ले आती है । More Likes This Chai ki Pyali - 1 द्वारा Mansi गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां - भाग 1 द्वारा Amit Kumar HIDDEN BILLIONAIRE - 1 द्वारा Dhiru Shukla बेधड़क दरोगा जी द्वारा Devendra Kumar राधे ..... प्रेम की अंगुठी दास्तां - 1 द्वारा Soni shakya चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1 द्वारा Sumit Sharma परिमल - 1 द्वारा Madhavi Marathe अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी