कहानी "रोटी की कीमत" में एक गरीब भिखारी की दास्तान है जो एक गर्मी के दिन एक बड़े बंगले के सामने खड़ा है। उसे धूप में खड़े रहने के बाद एक रोटी का टुकड़ा और कुछ चने की सब्जी मिलती है। वह उस खाने का आधा हिस्सा खाकर बाकी को एक पुराने रुमाल में बांधकर अपनी बीमार पत्नी के लिए ले जाने लगता है। इस बीच, बंगले की मालकिन उसे चोर समझकर चिल्लाती है, और उसके पीछे नौकर दौड़ पड़ते हैं। भिखारी डरकर भागने लगता है और पकड़ा जाता है। उसके पास से गठरी छीन ली जाती है, जिसमें केवल कुछ पुराने कपड़े होते हैं। जब नौकर रुमाल खोलते हैं, तो रोटी और चने गिर जाते हैं। भिखारी आंसू भरी आंखों से पूछता है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, क्योंकि वह अपने परिवार के लिए खाना ला रहा था। कहानी का अंत उस भिखारी के दुख के साथ होता है, जो जमीन पर गिरे चने के दाने ढूंढ रहा है। यह कहानी यह शिक्षा देती है कि बिना सोचे-समझे कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए। रोटी की कीमत Venu G Nair द्वारा हिंदी लघुकथा 6k 5.5k Downloads 27.8k Views Writen by Venu G Nair Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण It is a story of a poor begger who;s story shows the value of food More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी