इस कहानी में तृतीयपंथी यानी किन्नरों की शिक्षा और समाज में उनके स्थान पर चर्चा की गई है। मध्य प्रदेश के महाकुंभ में किन्नरों के लिए एक मठ का निर्माण हुआ, जिसके मुखिया लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को चुना गया। लक्ष्मी ने पहले भी यूएन में तृतीय लिंगी समाज की समस्याओं के लिए आवाज उठाई है। यह कदम इस बात का संकेत है कि तृतीयपंथी समाज भी मुख्यधारा का हिस्सा है और उन्हें शिक्षा, विकास, और स्वास्थ्य के क्षेत्र में शामिल किया जाना चाहिए। कहानी में यह भी उल्लेख है कि तृतीयपंथी समाज को शिक्षा की मुख्यधारा से अलग रखा गया है और उनकी स्थिति पर चर्चा की गई है। हिजड़ा शब्द का अर्थ समाज से बेदखल किया गया है, जबकि वे हमारे समाज के सहयात्री हैं। न्यायपालिका ने भी इस समाज के अधिकारों के लिए कई बार हस्तक्षेप किया है। उदाहरण के लिए, तमिलनाडू में हिजड़ों को राशन और वोटर कार्ड का अधिकार दिया गया था। कहानी का मुख्य उद्देश्य तृतीयपंथी समाज की शिक्षा और विकास में बाधाओं को उजागर करना और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करना है। तृतीयपंथी यानी किन्नरों की शिक्षा kaushlendra prapanna द्वारा हिंदी पत्रिका 1.6k 4.9k Downloads 18k Views Writen by kaushlendra prapanna Category पत्रिका पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कई बार शिक्षा की ओर बहुत उम्मीद से ताकता हूं कि क्या कहीं किसी नीति व समिति या फिर पाठ्यक्रम,पाठ्यपुस्तक में इनके भूगोल,इतिहास,संस्कृति,समाज के बारे में कोई मुकम्मल परिचय दिया जाता है। लेकिन बेहद निराशा ही मिलती है। कोई भी पाठ्यपुस्तक कोई भी पाठ्यक्रम इनके भूगोल और मानचित्र से हमारी पहचान नहीं कराते। यही वजह है कि बच्चे समाज के तमाम वर्गों के लेगों, हमारे मददगार नाई, मोची, डाक्टर, मास्टर आदि के बारे में प्राथमिक कक्षाओं में परिचित हो जाते हैं, लेकिन हमारे ही समाज में जीने वाले किन्नरों के बारे में न तो कोई बात बताई जाती है और न ही जानकारी के तौर पर एक दो वाक्य खर्च किए जाते हैं। यह किस मानसिकता की ओर इशारा करता है इसे भी समझने की आवश्यकता है। More Likes This इतना तो चलता है - 3 द्वारा Komal Mehta जब पहाड़ रो पड़े - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) नव कलेंडर वर्ष-2025 - भाग 1 द्वारा nand lal mani tripathi कुछ तो मिलेगा? द्वारा Ashish आओ कुछ पाए हम द्वारा Ashish जरूरी था - 2 द्वारा Komal Mehta अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी