इस कहानी में आनंद, जो तनाव से परेशान है, आत्महत्या करने का निर्णय लेता है। वह एक रस्सी के फंदे से लटककर अपनी जान ले लेता है। उसकी आत्मा उसके शरीर से निकलकर स्वतंत्रता का अनुभव करती है और वह सोचती है कि उसे यमदूत नहीं मिले। लेकिन जल्द ही, उसकी आत्मा एक भयानक प्रेतात्मा से मिलती है, जो उसे बताती है कि वह प्रेतलोक में है और अब वह उसकी गुलाम बन गई है। प्रेतराजा कहता है कि जब तक आनंद की वास्तविक आयु पूरी नहीं होती, उसे इस प्रेतलोक में रहना होगा और अन्य आत्माओं के साथ यातनाएँ सहनी होंगी। aatmhatya ke baad Ved Prakash Tyagi द्वारा हिंदी लघुकथा 64 1k Downloads 5.1k Views Writen by Ved Prakash Tyagi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण avsaad mein dube ek vyakti ki aatmkatha More Likes This चालाक कौवा द्वारा falguni doshi My Shayari Book - 1 द्वारा Roshan baiplawat शादी एक समझौता - 1 द्वारा SUMIT PRAJAPATI रंगीन कहानी - भाग 1 द्वारा Gadriya Boy तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया द्वारा S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 द्वारा IMoni अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी