Pariksha-Guru - Chapter - 30 book and story is written by Lala Shrinivas Das in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pariksha-Guru - Chapter - 30 is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. परीक्षा-गुरु - प्रकरण-30 Lala Shrinivas Das द्वारा हिंदी लघुकथा 1.4k Downloads 5.4k Views Writen by Lala Shrinivas Das Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सन्ध्या समय लाला मदनमोहन भोजन करनें गए तब मुन्शी चुन्नीलाल और मास्टर शिंभूदयाल को खुलकर बात करनें का अवकाश मिला. वह दोनों धीरे, धीरे बतलानें लगे. मेरे निकट तुमनें ब्रजकिशोरसै मेल करनें मैं कुछ बुद्धिमानी नहीं की. बैरी के हाथ मैं अधिकार देकर कोई अपनी रक्षा कर सक्ता है ? मास्टर शिंभूदयाल नें कहा. क्या करूं ? इस्समय इस युक्ति के सिवाय अपनें बचाव को कोई रास्ता न था. लोगों की नालिशें हो चुकीं, अपनें भेद खुलनें का समय आ गया. Novels परीक्षा-गुरु लाला मदनमोहन एक अंग्रेजी सौदागर की दुकानमैं नई, नई फाशन का अंग्रेजी अस्बाब देख रहे हैं. लाला ब्रजकिशोर, मुन्शी चुन्नीलाल और मास्टर शिंभूदयाल उन्के... More Likes This तलाक - 1 द्वारा aruhi लव एंड ट्रेजडी - 14 द्वारा Urooj Khan हैवानियत - 1 द्वारा aruhi अपने हिस्से का दुःख! द्वारा रेखा श्रीवास्तव Darde Mohhabat - 1 द्वारा aruhi आज की कहानी द्वारा Arya Tiwari शिववीर -The story of Love - 1 द्वारा Satyam Khaire अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी