"बादल छँट गए" कहानी में कनु को एक पत्र मिलता है जिसका लेखक असीम है, जो उसकी पुत्री सारा का असली पिता है। पत्र पढ़कर कनु के मन में अतीत की यादें ताजा हो जाती हैं और वह चिंता में पड़ जाती है कि अगर सारा असीम के पास चली गई, तो वह अपने पति पुनीत से कैसे सामना करेगी। पुनीत भी पत्र पढ़कर स्तब्ध रह जाते हैं और कनु को सुझाव देते हैं कि उन्हें सच्चाई को छुपाने के बजाय सारा के निर्णय पर छोड़ देना चाहिए। कहानी में परिवार के जटिल संबंधों और पहचान की खोज को दर्शाया गया है। अंत में, द्वार पर घंटी बजती है, जिससे कनु को और भी चिंता होती है। बादल छट गए MB (Official) द्वारा हिंदी लघुकथा 607 1.5k Downloads 9.4k Views Writen by MB (Official) Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Badal Chhat Gaye - Alka Pramod More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी