Pariksha-Guru - Chapter - 27 book and story is written by Lala Shrinivas Das in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pariksha-Guru - Chapter - 27 is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. परीक्षा-गुरु - प्रकरण-27 Lala Shrinivas Das द्वारा हिंदी लघुकथा 1.2k Downloads 4.1k Views Writen by Lala Shrinivas Das Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण उस तरफ़ लाला ब्रजकिशोर नें प्रात:काल उठ कर नित्य नियम से निश्चिन्त होते ही मुन्शी हीरालाल को बुलानें के लिये आदमी भेजा. हीरालाल मुन्शी चुन्नीलाल का भाई है. यह पहले बंदोबस्त के महक़मे मैं नौकर था. जब से वह काम पूरा हुआ इस्की नौकरी कहीं नहीं लगी थी. तुमनें इतनें दिन से आकर सूरत तक नहीं दिखाई. घर बैठे क्या किया करते हो ? हीरालाल के आते ही ब्रजकिशोर कहनें लगे दफ्तर मैं जाते थे जब तक खैर अवकाश ही न था परन्तु अब क्यों नहीं आते ? Novels परीक्षा-गुरु लाला मदनमोहन एक अंग्रेजी सौदागर की दुकानमैं नई, नई फाशन का अंग्रेजी अस्बाब देख रहे हैं. लाला ब्रजकिशोर, मुन्शी चुन्नीलाल और मास्टर शिंभूदयाल उन्के... More Likes This वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी