यह कहानी एक माँ, कविता वर्मा, द्वारा अपनी बेटी मनु के लिए लिखे गए एक भावुक पत्र के रूप में है। माँ अपने अनुभवों को साझा करती हैं जब मनु का जन्म हुआ और कैसे उनके जीवन में खुशी और प्यार का संचार हुआ। वह बताती हैं कि कैसे उन्होंने मनु की हर हरकत को महसूस किया और उसे गोद में लेने की इच्छा की। जैसे-जैसे मनु बड़ी हुई, माँ ने उसके पहले मुस्कुराने, चलने-फिरने, और स्कूल जाने के अनुभवों का जिक्र किया। मनु की खुशमिजाजी और आत्मनिर्भरता पर गर्व करते हुए, माँ ने उसकी पढ़ाई, खेल, और निर्णय लेने की क्षमताओं का भी उल्लेख किया। अब जब मनु अपनी पहली नौकरी के लिए अकेले जा रही है और शादी करके एक नई दुनिया बसाने जा रही है, माँ को खुशी के साथ एक अंजाना डर भी है। वह अपने विश्वास और संस्कारों पर भरोसा जताते हुए उसे सलाह देती हैं कि नए माहौल में ढलने के लिए समय देना आवश्यक है। पत्र का अंत माँ के विश्वास के साथ होता है कि मनु अपनी नई दुनिया में जल्दी ही लोगों का प्यार और विश्वास जीत लेगी। एक माँ का अपनी विदाई की हुई बेटी को पत्र Kavita Verma द्वारा हिंदी पत्र 8.4k 5.1k Downloads 23.4k Views Writen by Kavita Verma Category पत्र पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Selected in Matrubharti letter writing competition. More Likes This सत्य मीमांसा - 1 द्वारा Rudra S. Sharma टीपू सुल्तान नायक या खलनायक ? - 11 द्वारा Ayesha Letter From Me - 2 द्वारा Rudra S. Sharma रिश्ता चिट्ठी का - 1 द्वारा Preeti रिश्ता चिट्ठी का द्वारा Preeti I Hate You I Love You - 13 द्वारा Swati Grover एक चिट्ठी प्यार भरी - 1 द्वारा Shwet Kumar Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी