कहानी "टीस" संजय कुमार द्वारा लिखी गई है। कहानी की मुख्य पात्र कुसुम है, जो सुबह अपने दांतों को ब्रश कर रही होती है। तभी दूध वाले राय जी की आवाज सुनाई देती है, जो अपनी खुशी के साथ कजरी के बच्चे के जन्म की खबर देता है। कुसुम को यह सुनकर एक गहरी टीस महसूस होती है, क्योंकि उसने अपने पति सुकांत के साथ शादी के छह साल बाद भी मां बनने की खुशी नहीं अनुभव की है। कुसुम की सहेली कजरी ने पहले ही साल एक बच्ची को जन्म दिया था, और उसके बाद भी दो और बच्चे हुए। हर बार राय जी अपनी खुशी मनाते हैं, जबकि कुसुम के मन में खालीपन और दुख है। सुकांत, कुसुम के पति, उसे समझाने की कोशिश करते हैं कि यह सब भाग्य की बात है और उसे निराश नहीं होना चाहिए। कुसुम और सुकांत ने हर प्रकार के चिकित्सा चेकअप कराए हैं, लेकिन कुसुम मां नहीं बन पा रही है। कुसुम खुद को इसके लिए दोषी मानती है और इस कारण से बहुत दुखी है। वह ठान लेती है कि आज सुकांत के सामने अपनी भावनाएँ खुलकर रखेगी। कहानी कुसुम की मानसिक स्थिति और उसकी टीस को दर्शाती है, जो मां न बन पाने की पीड़ा से उत्पन्न होती है। टीस Sanjay Kumar द्वारा हिंदी लघुकथा 7.4k 1.5k Downloads 5.9k Views Writen by Sanjay Kumar Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कहानी टीस .......आस-पास की घटना है ........... सुबह का समय। कुसुम ने ज्योंही पेस्ट ब्रश पर लगाया और ब्रश करने के लिए दांतों पर रखा ही था कि दरवाजे पर थाप के साथ चिरपरिचित राय जी...दूध वाले की आवाज सुनाई पड़ी.....दीदी जी दूध ले ली...हींइ....। आती हूँ ,कहकर कुसुम किचेन से भगौना लेकर दरवाजे की ओर बढ़ी। दूध देने के बाद राय जी ने एक ठोंगा बढ़ाते हुए कहा....दीदी जी, कजरी के बेटा भईल बा...लड्डू बा, खाइब......राय जी के चेहरे पर हल्की झेंप के साथ खुशी उजागर थी। कुसुम को ठोंगा बढ़ाया। कुसुम ने हूँ कहा......... और ठोंगा ले लिया। भगौना को किचेन में रख, बालकोनी में आ कर वह सामने मैदान में राय जी की झोपड़ी की ओर देखने लगी। राय जी के झोपड़ी के आगे उसके बच्चे खेल रहे थे....झोपड़ी से रेडियो पर तेज आवाज में बज रहे गाने से पूरा माहौल......................... More Likes This रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी