कहानी "अगर वे न होते" में जानकी, जो एक शिक्षिका थी, का विवाह एक धनाढ्य परिवार के इंजीनियर जनक से होता है। शादी के बाद जानकी अपनी नई जिंदगी का आनंद लेने के लिए हनीमून पर जाती है, लेकिन धीरे-धीरे उसकी खुशियाँ खोने लगती हैं। संयुक्त परिवार में रहते हुए, वह अपने कर्तव्यों में इतना व्यस्त हो जाती है कि अपनी खुद की इच्छाओं और खुशियों को भूल जाती है। जनक उसकी उदासी को देखता है और उसे खुश करने के प्रयास करता है, लेकिन जानकी तनाव और कुंठा महसूस करती है। वह अपनी पुरानी सहेली दर्शन को याद करती है और अपनी असहनीय जीवन स्थिति को लेकर चिंतित होती है। जानकी को लगता है कि उसकी जिंदगी एक उपहास बन गई है, जिससे वह बाहर निकलने के लिए संघर्ष कर रही है। वे न होते Manju Gupta द्वारा हिंदी लघुकथा 7.5k 1.8k Downloads 6.1k Views Writen by Manju Gupta Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अगर वे न होते कहानी में पढ़ी लिखी जानकी की स्त्री सशक्तिकरण की मिसाल है । शादी के बाद प्रतिकूलताओं को अपनाने की कोशिश करती है । रूढ़ि वादी सास , ससुर उसे नोकरी नहीं करने देते जब जनक का तबादला नेरुल में होजाता है तब प्रधानाध्यापज कुंठित जानकी को शिक्षिका की नोकरी के लिए प्रेरित करते हैं जानकी स्त्री सशक्तिकरण की मिसाल बनी । More Likes This नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी