गुप्ताजी अपनी पत्नी के दबाव में आकर परेशान खान की फिल्म देखने जाते हैं, हालांकि वे पाइरेटेड सीडी देखने के पक्ष में थे। फिल्म देखने के बाद, जब वे बाहर आते हैं, तो उनकी कार को गंभीर नुकसान पहुंचा होता है। कार का अगला हिस्सा जलकर राख हो गया है, जबकि पीछे का हिस्सा सुरक्षित है। गुप्ताजी और उनकी पत्नी इस स्थिति पर हैरान और दुखी हैं। गुप्ताजी की योजना पर पानी फिर जाता है और यह घटना उनके जीवन को एक नया मोड़ देती है। दुर्घटना पर्यटन Arunendra Nath Verma द्वारा हिंदी लघुकथा 4 1.5k Downloads 6.5k Views Writen by Arunendra Nath Verma Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण पत्नी के उलाहनों से तंग आकर अंत में गुप्ताजी ने निश्चय कर ही लिया कि शनिवार की संध्या को उसके प्रिय हीरो परेशान खान की वह पिक्चर उसे दिखा दें जिसके लिए पत्नी ने उनका जीना मुश्किल कर रखा था .गुप्ताजी ने उसे समझाया तो बहुत कि दूकान जल्दी बंद करके उनके चले आने या दो सुस्त और लापरवाह सहायकों के भरोसे दूकान छोड़ आने की अपेक्षा पचास रूपये में उसी सप्ताह रिलीज़ हुई पिक्चर की पाइरेटेड सी डी से घर बैठे वीडियो देखना कहीं अधिक बुद्धिमानी का काम होगा. More Likes This चालाक कौवा द्वारा falguni doshi My Shayari Book - 1 द्वारा Roshan baiplawat रंगीन कहानी - भाग 1 द्वारा Gadriya Boy तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया द्वारा S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 द्वारा IMoni True Love द्वारा Misha Nayra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी