Ab kahi aur nahi book and story is written by Ratan Chand Ratnesh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ab kahi aur nahi is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. अब कहीं और नहीं Ratan Chand Ratnesh द्वारा हिंदी लघुकथा 9 907 Downloads 3.6k Views Writen by Ratan Chand Ratnesh Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण शर्मा जी फफक कर रो पड़े। जैसे सदियों से जबरन बांधकर रखी हुई नदी को अचानक बहने का रास्ता मिल गया हो। अपनी हथेली से आंसुओं को पोंछते हुए वे बोले, अब तुम्हें क्या बताता कि वे जाकर एक विधवा के साथ रहने लगे थे। —— इसी कहानी से। बुढ़ापे की त्रासदी व्यक्त करती रतन चंद रत्नेश की एक चर्चित कहानी। More Likes This बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha शैतान का कुचक्र - 1 द्वारा LM Sharma सारथी द्वारा No Antry Mohabbat ya Dhokha - 1 द्वारा aruhi टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 1 द्वारा Sonu Kasana तलाक - 1 द्वारा aruhi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी