यह कहानी "चमकादड़" एक 12 वर्षीय राजकुमार अंश की है, जो नवरंग नामक सुंदर नगर में रहता है। राजकुमार का मन अक्सर पुराने किले और पर्वतों पर घूमने का करता है, लेकिन वह हमेशा अपने पिता की आज्ञा का पालन करता है। एक दिन, जब उसके पिता यात्रा पर जाते हैं, राजकुमार अपने दो सिपाहियों के साथ पुराने किले की ओर निकल पड़ता है। किले के पास पहुंचते ही सिपाही उसे चेताते हैं कि वह किले के अंदर न जाए, लेकिन राजकुमार अपने साहस के बल पर गुफा में प्रवेश करता है। वहां उसे एक छोटे चमकादड़ का बच्चा मिलता है, जो उड़ने में असमर्थ है। राजकुमार को यह एहसास होता है कि चमकादड़ भी डरते हैं, और यह उनकी अपनी भ्रांतियों को दर्शाता है। राजकुमार ने उस चोटिल चमकादड़ को संभाला और उसकी चोट पर मरहम लगाने के लिए सिपाही से मदद मांगी। वह उस नन्हे चमकादड़ को अपने साथ महल ले जाता है, यह दिखाते हुए कि दया और साहस का महत्व क्या होता है। कहानी एक काल्पनिक और नैतिक संदेश देती है कि हमें अपने डर का सामना करना चाहिए और दूसरों की मदद करनी चाहिए। बाल कहानी चमकादड़ Dr Nitin Menaria द्वारा हिंदी लघुकथा 1.8k 2.2k Downloads 10.4k Views Writen by Dr Nitin Menaria Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बाल कहानी चमकादड़ :- बच्चों की कहानी। More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी