इस लेख में अंतरराष्ट्रीय प्रकाश वर्ष 2015 के महत्व और प्रकाश के विकास यात्रा पर चर्चा की गई है। इसमें यह बताया गया है कि प्राकृतिक और कृत्रिम प्रकाश जीवन के लिए कितना आवश्यक है और यह जल, जंगल, जमीन, वायु, और पर्यावरण के समान महत्वपूर्ण है। प्रकाश के बिना मानव जीवन का विकास संभव नहीं था। लेख में प्रकाश की गति, उसके चिकित्सा में उपयोग, और डिजिटल तकनीक में योगदान पर भी प्रकाश डाला गया है। इसके अलावा, संस्कृत के वाक्य "तमासे मा ज्योतिर्गमय" का जिक्र करते हुए यह बताया गया है कि प्रकाश केवल देखने में मदद नहीं करता, बल्कि यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। यूनेस्को द्वारा 2015 को अंतरराष्ट्रीय प्रकाश वर्ष के रूप में मनाने का प्रस्ताव, इसके महत्व को समझने और नई तकनीकों के विकास में प्रकाश के योगदान को पहचानने के उद्देश्य से किया गया था। यह लेख प्रकाश की प्रौद्योगिकी में नवसृजन को प्रोत्साहित करने और वैश्विक विकास की चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए प्रेरित करता है। Prakash Keval Andhera Mitane ka Nam Nahi Shambhu Suman द्वारा हिंदी पत्रिका 2 2.2k Downloads 9.3k Views Writen by Shambhu Suman Category पत्रिका पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण प्राकृतिक और कृत्रिम प्रकाश की विकास यात्रा को जानने-समझने के साथ-साथ पृथ्वी से सूर्य के रिश्ते की मानवीय स्पर्श को भी एहसास किया जाना चाहिए। जीवन में रचा-बसा सात रंगों का मिश्रित श्वेत प्रकाश उतना ही महत्वपूर्ण है जितना जल, जंगल, जमीन, वायु, पर्यावरण और दूसरे किस्म के आहार। प्रकाश के बगैर बेहतर जीवनयापन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। इसमें जरा भी संदेह नहीं कि मानव-जीवन का विकास प्रकाश के बिना कदापि संभव नहीं था। सबसे तेज गति वाले प्रकाश के बारे में जो भी जानते हैं , वह काफी रोमांचित करने जैसा है। लेकिन क्या यह जानते हो कि इसकी रोशनी की तेज में चाकू जैसी धार है, जो चिकित्सा जगत में चीर-फाड़ करने का काम बगैर रक्त बहाए बाखूबी कर सकता है। बिजली के बल्ब से लेकर लेजर किरणें तक और रोशनी के बल्बों से लेकर दूसरे इलेक्ट्राॅनिक गजेट इसी की देन है। More Likes This जब पहाड़ रो पड़े - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) नव कलेंडर वर्ष-2025 - भाग 1 द्वारा nand lal mani tripathi कुछ तो मिलेगा? द्वारा Ashish आओ कुछ पाए हम द्वारा Ashish जरूरी था - 2 द्वारा Komal Mehta गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी