यह कहानी लेखक की पुरस्कार न मिलने की स्थिति पर आधारित है। लेखक ने कभी कोई पुरस्कार नहीं जीता और इसलिए उनसे कभी नहीं पूछा गया कि पुरस्कार प्राप्त करने पर वे कैसा महसूस करते हैं। वे इस स्थिति को स्वीकार करते हैं और मानते हैं कि कभी न कभी कोई उनसे यह सवाल पूछेगा। लेखक हर सुबह इस अपेक्षा में उठते हैं कि चैनल के लोग उनके घर आएंगे और उनसे सवाल पूछेंगे। वे अपने बालों और दाढ़ी को संवारते हैं, ग्रीन टी बनाते हैं, और संभावित सवालों की तैयारी करते हैं। जब चैनल के लोग उनसे सवाल पूछते हैं, तो लेखक अपने जवाबों को हास्य और चतुराई के साथ प्रस्तुत करते हैं। वे बताते हैं कि पुरस्कार प्राप्त करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है और अपने लेखन की प्रक्रिया के बारे में भी बात करते हैं। कहानी में लेखक की आत्म-व्यंग्यात्मक शैली और उनकी सोच की गहराई को दर्शाया गया है, जबकि वे पुरस्कारों के महत्व और अपने अनुभवों पर विचार करते हैं। पुरस्कार का मिलना या न मिलना Nirmal Gupta द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 1k 2k Downloads 9.2k Views Writen by Nirmal Gupta Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण साहित्य की दुनिया में पुरस्कार की राजनीति पर करारा व्यंग्य . More Likes This मजनू की मोहब्बत पार्ट-1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik मजनू की मोहब्बत द्वारा Deepak Bundela Arymoulik सैयारा का तैयारा द्वारा dilip kumar झग्गू पत्रकार (व्यंग सीरीज) द्वारा Deepak Bundela Arymoulik देसी WWE - गांव के पहलवान बनाम विलायती दंगल ! - 1 द्वारा sachim yadav कॉमेडी का तड़का - 1 द्वारा Kaju Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 3 द्वारा Sakshi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी