नीलिमा शर्मा ने हमेशा पढ़ने-लिखने का शौक रखा। उनके लेखन की यात्रा कई किताबों के साथ शुरू हुई, जिनमें "एक साँस मेरी", "पग्दंदियाँ", "कस्तूरी", "गुलमोहर", "अपने अपने सपने", और "शब्दों की चहलकदमी" शामिल हैं। उन्होंने "मुट्ठी भर अक्षर" नामक लघु कहानियों की पुस्तक का सह-संपादन भी किया है। कहानी में सुनंदा नाम की एक लड़की है, जो अपने मामा के गांव की है। उसकी बड़ी बहन आनंदा भी है। दोनों बहनें बहुत चंचल और खुशमिजाज हैं। समय के साथ, वे किशोरावस्था में प्रवेश कर गईं और गांव में उनकी सुंदरता और बुद्धिमत्ता की चर्चा होने लगी। आनंदा प्रशासनिक सेवा में जाना चाहती है, जबकि सुनंदा डॉक्टर बनकर अपने गांव में चिकित्सालय खोलना चाहती है। कहानी में समाज की चिंताओं और महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दों को उठाया गया है, जहां लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। माँ डरना मत Neelima Sharrma Nivia द्वारा हिंदी लघुकथा 7.8k 2.5k Downloads 12.1k Views Writen by Neelima Sharrma Nivia Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बेटी को बेटा बना कर पाला तो जा सकता लेकिन क्या समाज के कुछ दरिन्दे उनको बेटा बने रहने देते ....... More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी