"चलो गाँव की ओर" कविता में गाँवों की सुंदरता, हरियाली, और प्यार का विवरण है। इसमें यह बताया गया है कि गाँवों में कृष्ण और सुदामा जैसी दोस्ती और नारी का सम्मान होता है। सुबह का सूरज खेतों में नतमस्तक होता है और गाँव की खुशियाँ शहरों में नहीं मिलतीं। कविता में गाँवों के त्योहारों, लोकगीतों और परिवारों के बीच के स्नेह का भी उल्लेख है। "सड़क की व्यथा" कविता एक सड़क की पीड़ा को व्यक्त करती है, जो समय के साथ असहाय हो गई है। यह सड़क लोगों की दौड़ का स्थल है, लेकिन उसकी स्थिति खराब है। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, और संवेदनहीनता जैसे मुद्दों को उजागर किया गया है। सड़क की कहानी में उसके पुनरुद्धार की उम्मीद भी है, लेकिन घोटालों और धांधली ने उसकी स्थिति को और खराब कर दिया है। अंत में, एक महिला उसकी सफाई करती है, जिससे उसकी कद्र पहचानी जाती है। कुल मिलाकर, ये कविताएँ गाँवों की सकारात्मकता और सड़कों की दुर्दशा को चित्रित करती हैं। चलो कविता सुनाऊँ Neeraj Pandey द्वारा हिंदी कविता 8 1.3k Downloads 6.6k Views Writen by Neeraj Pandey Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हिंदी कविताएं More Likes This मन की गूंज - भाग 1 द्वारा Rajani Technical Lead मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा द्वारा उषा जरवाल कविता संग्रह द्वारा Kaushik Dave मेरे शब्दों का संगम द्वारा DINESH KUMAR KEER अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी