DASHANAN KI PEEDA book and story is written by उषा जरवाल in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. DASHANAN KI PEEDA is also popular in Spiritual Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
दशानन की पीड़ा
उषा जरवाल
द्वारा
हिंदी आध्यात्मिक कथा
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विवरण
लंका का आकाश धुएँ से भर चुका था। अशोक वाटिका जलकर राख हो रही थी, और हवाओं में जलते वृक्षों की गंध तैर रही थी। सोने की लंका, जिसे रावण ने अपनी शक्ति और बुद्धिमत्ता से संजोया था, आज विनाश की आहट से काँप रही थी। रावण अपने महल की सबसे ऊँची मीनार पर अकेला खड़ा यह सब देख रहा था। उसकी आँखों में क्रोध था, परंतु कहीं भीतर एक अजीब-सी बेचैनी थी। यह वही लंका थी, जिसका वह अभिमान करता था, पर आज उसे पहली बार यह वैभव व्यर्थ लगने लगा था। "स्वामी, क्या आप चिंतित हैं?" पीछे से
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