Apradh hi Apradh - 31 book and story is written by S Bhagyam Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Apradh hi Apradh - 31 is also popular in Crime Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अपराध ही अपराध - भाग 31
S Bhagyam Sharma
द्वारा
हिंदी क्राइम कहानी
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विवरण
अध्याय 31 पिछला सारांश: कार्तिका इंडस्ट्रीज कंपनी के मालिक कृष्ण राज अपना तीसरा असाइनमेंट धनंजयन को बताते हैं। इसे उनके पार्टनर चिप्स के द्वारा सुन लेते हैं। इसमें धनंजय के योजना को असफल करने की सोचते हैं। तीसरा असाइनमेंट कृष्णा राज के बच्चा जो अभी युवा हो गया है उसे ढूंढना, पहले वह यहां पर विज्ञप्ति समाचार पत्र में आई थी वहां जाकर धनंजयन उसे इकट्ठा करता है। धनंजयन को अपने भौंहों को ऊंचा करके नगर पालिका के अधिकारी ने उन्हें देखा। धनंजयन, “क्यों सर आप मुझे ऐसे देख रहे हो?” “नहीं, नल में पानी नहीं आ रहा है, कई
‘इंटरव्यू के हाल में’ खूब भीड़ थी। बहुत सारे नौजवान हट्टे-कट्टे, छोटे- बड़े सुंदर, इंटरव्यू के लिए इंतजार करके खड़े लोगों को देखते हुए कार्तिका ने अंद...
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