Me and my feelings - 112 book and story is written by Darshita Babubhai Shah in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Me and my feelings - 112 is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
में और मेरे अहसास - 112
Darshita Babubhai Shah
द्वारा
हिंदी कविता
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विवरण
ख्वाइशों का समंदर बहुत दूर तक फेला हुआ हैं l एक आरज़ू ने ज़मीं से लेकर अर्श को छुआ हैं ll एक हुस्न है जिसने सबकुछ आज लुटा हुआ है l देख जज़्बातों का जहाज बीच समंदर में डुबा हैं ll चहरे पर ज़ख्म दिखते नहीं है वर्ना रो देते आप l कसम से मुकम्मल मोहब्बत के नाम पर लुटा हैं ll नांव किनारों पर ही खिसका करती है सभल जा l जिस नाविक पर भरोसा था वो यक़ीन टुटा हैं ll जिंदगी का मुक़द्दर सफ़र दर सफ़र करती रहती l किस तरह कहे कैसे कहा
में और मेरे अहसास भाग-१ *** ईश्क में तेरे जोगन बन गई lआज राधा जोगन बन गई ll *** गरघर कीदीवार केकर्णहोतेकोई घरखड़ाना होता ll *** काटे नहीं कटता एक पल यह...
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