Me and my feelings - 111 book and story is written by Darshita Babubhai Shah in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Me and my feelings - 111 is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
में और मेरे अहसास - 111
Darshita Babubhai Shah
द्वारा
हिंदी कविता
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विवरण
निगाहों से पीने में मना नहीं ज़ाम पर निषेध क्यूँ? अदाओं से पीने में मना नहीं ज़ाम पर निषेध क्यूँ? रफ़्ता रफ़्ता बहकता गया रस्म ए चमन आज फ़िर l फ़िज़ाओं से पीने में मना नहीं ज़ाम पर निषेध क्यूँ? खुली हवाओं में गेसुओं को झटका कर निकलती l बहारों से पीने में मना नहीं ज़ाम पर निषेध क्यूँ? गुमसुम हो गए है आज कल अल्फाज़ मिरे जाने क्यूँ? सदाओं से पीने में मना नहीं ज़ाम पर निषेध क्यूँ? बोलने के तरीक़े पर वारी गई है महफ़िल कीदुनिया l गजलों से पीने में मना नहीं ज़ाम
में और मेरे अहसास भाग-१ *** ईश्क में तेरे जोगन बन गई lआज राधा जोगन बन गई ll *** गरघर कीदीवार केकर्णहोतेकोई घरखड़ाना होता ll *** काटे नहीं कटता एक पल यह...
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