Sathiya - 139 book and story is written by Dr. Shelja in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sathiya - 139 is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. साथिया - 139 डॉ. शैलजा श्रीवास्तव द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ Writen by डॉ. शैलजा श्रीवास्तव Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण एक महीने बाद*अक्षत कोर्ट जाने के लिए तैयार हो रहा था और साँझ अलमारी से निकाल निकाल कर उसका सामान बेड पर रख रही थी।"साँझ मेरा हैंकि दे दो प्लीज।"अक्षत ने कहा तो सांझ ने हैंकि निकाल कर रखा।"आप रेडी होकर आ जाइए जज साहब मैं आपका नाश्ता लगाती हूं तब तक।" सांझ बोली और दरवाजे की तरह बढ़ने लगी कि अचानक से उसे चक्कर आ गया पर इससे पहले कि वह गिरती अक्षत ने उसे थाम लिया और जल्दी से बिस्तर पर लेटायासांझ के चेहरे पर पसीने की बूंदे आ गई थीअक्षत ने अपने तुरंत फैमिली डॉक्टर को कॉल Novels साथिया दिल्ली की एक शानदार सोसाइटी का एक आलीशान बंगला। यह बंगला है जाने माने बिजनेस में अरविंद चतुर्वेदी का जहां पर अरविंद चतुर्वेदी अपनी पत्नी साधना और दोनो... More Likes This तेरा...होने लगा हूं - 1 द्वारा Sony मीरा प्रेम का अर्थ - 5 - इंसेक्योरिटी या डर.. द्वारा sunita maurya बेरहम सईया - 1 द्वारा riya pandey आर्यन और रिया की प्रेम कहानी। द्वारा Anand Tripathi I Hate Love - 1 द्वारा aruhi अनामिका - 1 द्वारा R B Chavda अनोखा विवाह - 1 द्वारा Gauri अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी