Sathiya - 116 book and story is written by Dr. Shelja in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sathiya - 116 is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. साथिया - 116 डॉ. शैलजा श्रीवास्तव द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 1 573 Downloads 1.1k Views Writen by डॉ. शैलजा श्रीवास्तव Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण " तुम अब मेरे पास हो मेरे करीब..!! अब तुम्हें कोई भी नहीं छू सकता इसलिए तुम बिल्कुल निश्चित रहो। और अब सजा मिलने की वारी उन लोगों की है। तुम्हें तो उन्हें जितनी तकलीफ देनी थी दे चुके अब तकलीफ बर्दाश्त करने की हद उनकी देखनी है मुझे।""मुझे कुछ नहीं चाहिए जज साहब। बस आपका साथ रहे और कुछ भी नहीं।एक-एक पल मैंने आपको याद किया था जज साहब। उन दो दिनों जब मैं वहां रही थी एक-एक पल में मेरा दिल बेचैन था। बस एक ही और एक ही ख्याल आ रहा था कैसे भी करके मैं आपके Novels साथिया दिल्ली की एक शानदार सोसाइटी का एक आलीशान बंगला। यह बंगला है जाने माने बिजनेस में अरविंद चतुर्वेदी का जहां पर अरविंद चतुर्वेदी अपनी पत्नी साधना और दोनो... More Likes This Revenge Love - Part 1 द्वारा zarna parmar Revenge by Cruel Husband - 1 द्वारा starwriter बीच के क्षण द्वारा Raj कुछ रंग प्यार के ऐसे भी - भाग 1 द्वारा Shruti Sharma अनंता - पार्ट 5 द्वारा zarna parmar फरमाइश... 1 द्वारा pooja डिअर सर........1 द्वारा pooja अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी