Sathiya - 115 book and story is written by Dr. Shelja in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sathiya - 115 is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. साथिया - 115 डॉ. शैलजा श्रीवास्तव द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ Writen by डॉ. शैलजा श्रीवास्तव Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अक्षत ने उसे वापस बिस्तर पर लिटाया और उसके माथे को चूम जैसे ही दूर जाने को हुआ सांझ ने उसका हाथ पकड़ लिया।अक्षत ने उसकी आंखों में देखा।"प्लीज जज साहब मेरे पास ही रहिए ना.!! दूर मत जाइए। बहुत डर लग रहा है मुझे। पता नहीं अब और क्या होने वाला है..?? इतना सब कुछ हुआ आपसे दूर होते ही। सब कुछ बिखर गया। सब कुछ बर्बाद हो गया। मैं अब आपसे दूर नहीं होना चाहती। प्लीज मुझे खुद से दूर मत कीजिएगा जज साहब.!!" सांझ बार-बार इमोशनल हो रही थी।"बस दो मिनट वॉशरूम से आ रहा हूं और Novels साथिया दिल्ली की एक शानदार सोसाइटी का एक आलीशान बंगला। यह बंगला है जाने माने बिजनेस में अरविंद चतुर्वेदी का जहां पर अरविंद चतुर्वेदी अपनी पत्नी साधना और दोनो... More Likes This His Sweet Angel - 1 द्वारा Riya Sirswa नफ़रत-ए-इश्क - 1 द्वारा write Accidental Marriage Between Them - 1 द्वारा raj बारिश की बूंदें और वो - भाग 1 द्वारा ANOKHI JHA इश्क इबादत - 1 द्वारा Juhi Patel दिल से दिल तक- 1 द्वारा Sonali Rawat इश्क जैसा कुछ नहीं - 1 द्वारा Tanisha Bohat अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी