In Mukhtiyarbhai's rickshaw book and story is written by Munavvar Ali in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. In Mukhtiyarbhai's rickshaw is also popular in Biography in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मुख्तयारभाईकी रिक्शामें Munavvar Ali द्वारा हिंदी जीवनी 870 Downloads 2.2k Views Writen by Munavvar Ali Category जीवनी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कोई आदमी इतना बातूनी हो सकता है इसका एहसास मुझे आज हुआ जब मैं मुख्तयारभाई के रिक्शे में बैठा। जब मैं रिक्शा में बैठा तो मैं थोड़ा सोच में फंसा था, तो रिक्शावाला भाई ने यह बात भुलाने के तौर पर वह बातें करने लगे। शुरुआत में, उन्होंने अपने काम का संक्षिप्त परिचय दिया, और कहा कि वह एक धार्मिक स्थान पर डिलीवरी ड्राइवर के रूप में काम करते हैं, और हाल ही में एक मदरसे में पहुंचे। फिर कुछ मिनटों के बाद उन्होंने कहा कि "उन्हें मदरसे का चक्कर लगाने में कैसे विध्न आ रहा है! कि अगर वे More Likes This मंजिले - भाग 5 द्वारा Neeraj Sharma छह बिंदियाँ - 1 द्वारा अजय भारद्वाज डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम भाग - 1 द्वारा अजय भारद्वाज भक्त श्री शोभा द्वारा Renu यादों की अशर्फियाँ - पूर्वभूमिका द्वारा Urvi Vaghela गोमती, तुम बहती रहना - 1 द्वारा Prafulla Kumar Tripathi महावीर लचित बड़फूकन - प्रकाशकीय द्वारा Mohan Dhama अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी