बूंदी बनिया book and story is written by Renuka Dubey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. बूंदी बनिया is also popular in Anything in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. बूंदी बनिया Renu द्वारा हिंदी कुछ भी 747 Downloads 2.3k Views Writen by Renu Category कुछ भी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण श्रीरामदासजी बूंदी नगर के निवासी थे। जाति के बनिया थे। अतः वर्ण-धर्मानुसार व्यापार करते हुए भगवद्भक्ति की साधना करते थे। अपनी पीठ पर नमक-मिर्च-गुड़ आदि की गठरी लादकर गाँवों में फेरी लगाते थे। कुछ नगद पैसे और कुछ अनाज भी मिलता था। एक दिन फेरी में सामान बिक गया और बदले में अनाज ही विशेष मिला। उसकी गठरी सिर पर रखकर घर को चले। वजन अधिक था, अतः भार से पीड़ित थे, पर ढो रहे थे। एक किसान का रूप रखकर भगवान् आये और बोले— भगतजी! आपका दुःख मुझसे देखा नहीं जा रहा है। हमें भार वहन करने का भारी More Likes This मंजिले - भाग 8 द्वारा Neeraj Sharma मनस्वी - भाग 1 द्वारा Dr. Suryapal Singh अनमोल मोती द्वारा DINESH KUMAR KEER टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 5 द्वारा Sonu Kasana History of Kashmir.... - 1 द्वारा pooja भारत का ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का सफर - भाग 1 द्वारा Sonu Kasana अनसुनी दास्तां..... 1 द्वारा pooja अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी