Matribhasha book and story is written by Vishal Dhusiya in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Matribhasha is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मातृभाषा Er.Vishal Dhusiya द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 3 918 Downloads 3.1k Views Writen by Er.Vishal Dhusiya Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आजकल लोगों में एक अलग भावना पैदा हो चुकी है गाँव छोड़ना और अपनी मातृभाषा भूलना। जहां तक बात है गाँव छोड़ने की तो समझ में आता है कि शहरों में गाँव के अपेक्षा अच्छी सुविधाएं मिलती हैं जैसे- नौकरियां, अच्छे अस्पताल, अच्छे स्कुल, कॉलेज। लेकिन गाँव जैसे सुकून नहीं मिलते। गाँव में बाग बगीचों, खेत खलिहान, खुले वातावरण में घूमना-फिरना, प्राकृतिक जल। जिससे आपका मन स्वच्छ व स्वस्थ रहता है। शहरों में ये सुविधाएं नहीं मिलती, नाहीं गाँव जैसे भाईचारा। वहां आप कभी-कभी घूमने के लिए थोड़ी अच्छी जगह जाएंगे। दूसरी बात मातृभाषा, आजकल लोगों में अपने मातृभाषा को More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी