Kaliyuga: Sin and virtue book and story is written by jagGu Parjapati ️ in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kaliyuga: Sin and virtue is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. कलयुग: पाप और पुण्य jagGu Parjapati ️ द्वारा हिंदी लघुकथा 516 2.3k Downloads 6.5k Views Writen by jagGu Parjapati ️ Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण नोट:-- यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक तथा हमारे द्वारा स्वरचित है। कलयुग अपनी चरम सीमा पर तैनात था...मानो अब तो हवा भी सांसों में पाप का जहर घोलने लगी थी। अंबर जो कभी नीला हुआ करता था वो अब मट मैला सा लगता था। लगभग सभी पेड़ नरभक्षी बन चुके थे। इंसानों की इंसानियत कहीं गुम हो चुकी थी वहीं जानवरों की जनवरियत कहीं ढूंढने से नहीं मिल रहा था। समस्त विश्व कलयुगी हाहाकार का साक्षी बन हुआ था। अब हर कोई जाति धर्म के नाम पर नहीं अपितु इंसानियत हेवानियत के नाम पर लड़ते थे। एक तरफ जहां कुछ कलयुग More Likes This यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 1 द्वारा Bikash parajuli Trupti - 1 द्वारा sach tar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी