नाम जप साधना - भाग 18 Charu Mittal द्वारा आध्यात्मिक कथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें आध्यात्मिक कथा किताबें नाम जप साधना - भाग 18 Naam Jap Sadhna - 18 book and story is written by Charu Mittal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Naam Jap Sadhna - 18 is also popular in Spiritual Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. नाम जप साधना - भाग 18 Charu Mittal द्वारा हिंदी आध्यात्मिक कथा 708 2.6k भगवन्नाम महिमाहरिनामपरा ये च घोरे कलियुगे नराः ।त एव कृतकृत्याप्चश्न कलिर्बाधिते हि तान् ॥ “घोर कलियुग में जो मनुष्य हरिनाम परायण हैं वे ही कृतकृत्य हैं। कलियुग उन्हें बाधा नहीं पहुँचा सकता।”अनन्त कोटि ब्रह्माण्ड नायक परात्पर परब्रह्म परमात्मा के ...और पढ़ेअवतार भक्तों के कारणार्थ हुआ करते हैं। उन्हीं अनन्त अवतारों में हरि नाम भी प्रभु का पतित पावन अवतार है। भगवान् और भगवान् का नाम अभिन्न है। नाम नामी का अभिन्न स्वरूप है। जिनके जीवन में हरि नाम आ गया, समझो हरि आ गए। नाम आश्रय ही भगवान् का आश्रय है। गोस्वामी तुलसीदास जी तो यहाँ तक कहते हैं–कहाँ कहौं कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें नाम जप साधना - भाग 18 नाम जप साधना - उपन्यास Charu Mittal द्वारा हिंदी आध्यात्मिक कथा (13) 12.8k 30.5k Free Novels by Charu Mittal अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी