Forgotten and forgotten bitter and sweet memories30 book and story is written by किशनलाल शर्मा in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Forgotten and forgotten bitter and sweet memories30 is also popular in Biography in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. भूली बिसरी खट्टी मीठी यादें30 Kishanlal Sharma द्वारा हिंदी जीवनी 2 1k Downloads 3.6k Views Writen by Kishanlal Sharma Category जीवनी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 1974इस वर्ष में दो महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से यह साल याद हैपहला इस साल रेलवे की हड़ताल हुई थी।इस हड़ताल की subghat काफी समय पहले ही शुरू हो गयी थी।रेलवे में 2 मान्यता प्राप्त यूनियन थी।एम्प्लाइज यूनियन और मजदूर संघ।वे दोनों AIRF और NFIR से सम्बद्ध है।NFIR सरकार समर्थक थी फिर भी ।जदूर संघ रेल हड़ताल में शामिल हो गयी थी।सरकार ने खुद ही हड़ताल को सफल बना दिया था।रॉड साइड के स्टेशनों में ताला लगा दिया गया।बड़े स्टेशनों पर भी ज्यादतर ऑफिस बन्द कर दिए गए।काफी ट्रेने रदद् कर दी गयी।जो ट्रेने चली खाली थी।यात्री हड़ताल के डर More Likes This छह बिंदियाँ - 1 द्वारा अजय भारद्वाज डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम भाग - 1 द्वारा अजय भारद्वाज भक्त श्री शोभा द्वारा Renu यादों की अशर्फियाँ - पूर्वभूमिका द्वारा Urvi Vaghela गोमती, तुम बहती रहना - 1 द्वारा Prafulla Kumar Tripathi महावीर लचित बड़फूकन - प्रकाशकीय द्वारा Mohan Dhama मेरे माथे का चंदन द्वारा Prafulla Kumar Tripathi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी