गुलदस्ता - 13 Madhavi Marathe द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कविता किताबें गुलदस्ता - 13 Guldasta - 13 book and story is written by Madhavi Marathe in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Guldasta - 13 is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. गुलदस्ता - 13 Madhavi Marathe द्वारा हिंदी कविता 672 2.4k गुलदस्ता १३ ७४ आंखों की गहराई से शाम, झील में उतरती गई सांसों की लयकारी में समाती चली गई नसनस की लंबाई नापते अंदर चलती रही हृदय के गुढ अंधेरे में उपर ...और पढ़ेहोती रही देखी उसने तप्त भुख की अग्निज्वाला पेट में तडफडाए रस के लाव्हा सुरमई शाम, यह सब देख के , आखों के आँसूओं से बाहर आ गई रात का सन्नाटा और गहरा करते वह सृष्टी दृष्टी से ओझल हो गई ................................. ७५ ब्रम्हाण्ड के चैतन्य से अणू रेणु एकरूप हो गए फिर भी एक बिंदु कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें गुलदस्ता - 13 गुलदस्ता - उपन्यास Madhavi Marathe द्वारा हिंदी कविता 20.1k 53k Free Novels by Madhavi Marathe अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी