श्रीयमराज जी Renu द्वारा पौराणिक कथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें पौराणिक कथा किताबें श्रीयमराज जी श्रीयमराज जी Renu द्वारा हिंदी पौराणिक कथा 786 2k जिह्वा न वक्ति भगवद्गुणनामधेयं चेतश्च न स्मरति तच्चरणारविन्दम्। कृष्णाय नो नमति यच्छिर एकदापि तानानयध्वमसतोऽकृतविष्णुकृत्यान्॥ – ( श्रीमद्भा० ६ । ३। २९)“जिनकी जीभ भगवान् के मङ्गलमय गुणो एवं परम पवित्र नामो का वर्णन नहीं करती, जिनका चित्त भगवान् के चरणकमलो ...और पढ़ेचिन्तन नहीं करता, जिनका सिर एक बार भी श्रीकृष्णचन्द्र को प्रणाम करने के लिये नही झुका भगवान् विष्णु के पावन कर्मों से सर्वथा पृथक् रहने वाले केवल उन दुष्टो को ही तुम लोग यहाॅ ( यमपुरी मे ) लाया करो।” यह यमराज जी ने अपने दूतो को आदेश दिया है। जब भी यमदूत हाथ मे पाश लेकर मर्त्यलोक के मरणासन्न कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें श्रीयमराज जी अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Renu फॉलो