दिल ना जानेया - 1 दुःखी आत्मा जलीभूनी द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें प्रेम कथाएँ किताबें दिल ना जानेया - 1 दिल ना जानेया - 1 दुःखी आत्मा जलीभूनी द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 531 1.3k अवस्थी हाउस, दिल्ली सुबह के 8:00 बज रहे थे। घर के मुखिया नवीन अवस्थी इस वक्त पूजा करने में लगे हुए थे। पूजा के मंत्र पढ़ते हुए उन्होंने चारों तरफ नजर दौड़ाई जिसे उनकी पत्नी शालिनी ने समझ लिया ...और पढ़ेवह सीधे अपने बेटे के कमरे में गई जहां उनका बेटा स्वप्निल इस वक्त घोड़े बेचकर पेट के बल आराम से तकिए पर पैर रखे सोया हुआ था। शालिनी जी बिस्तर पर बैठ कर उसके बाल सहलाते हुए बोली "उठ जा बच्चा! तेरे पापा अभी पूजा कर रहे हैं और तुझे ढूंढ रहे हैं। इससे पहले कि उनकी आरती और कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें दिल ना जानेया - 1 दिल ना जानेया - उपन्यास दुःखी आत्मा जलीभूनी द्वारा हिंदी - प्रेम कथाएँ 1.3k 3.1k Free Novels by दुःखी आत्मा जलीभूनी अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी दुःखी आत्मा जलीभूनी फॉलो