Dhabe Ki Khaat book and story is written by Yogesh Kanava in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Dhabe Ki Khaat is also popular in Women Focused in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. ढाबे की वो खाट Yogesh Kanava द्वारा हिंदी महिला विशेष 2 988 Downloads 2.2k Views Writen by Yogesh Kanava Category महिला विशेष पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ढाबे की वो खाट सरकारी काम होने के कारण अहमदाबाद जाना बेहद ज़रूरी था। सीजन के कारण किसी भी ट्रेन में टिकट नहीं मिल सका था। तत्काल में भी कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। आखि़र हारकर एक स्लीपर बस का टिकट ले लिया। मुझे मालुम था कि बस की यात्रा इतनी आरामदेय नहीं हुआ करती है, लेकिन सरकारी काम के चलते यह सब कुछ तो सहन करना ही था। ठीक दस बजे स्लीपर बस अपने गन्तव्य के लिए रवाना हुई। पूरे चौदह घण्टे का सफ़र तय करना था इसी बस से, खैर - धीरे-धीरे सोने का प्रयास करने लगा। More Likes This जरूरी था - 1 द्वारा Komal Mehta दरिंदा - भाग - 1 द्वारा Ratna Pandey बच्चों में डाले गर्भ से संस्कार - 6 द्वारा नीतू रिछारिया स्वस्थ, सुंदर, गुणवान, दीर्घायु-दिव्य संतान कैसे प्राप्त करे? - भाग 1 द्वारा Praveen kumrawat इतना तो चलता है - 1 द्वारा Komal Mehta सदाबहार के फूल द्वारा Sharovan जिद्दी मोहब्बत - 1 द्वारा Gumnaam shayar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी