गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 91 Dr Yogendra Kumar Pandey द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें प्रेरक कथा किताबें गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 91 गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 91 Dr Yogendra Kumar Pandey द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 342 924 जीवन सूत्र 154 आखिर श्रेयस्कर है ईश्वर का ही मार्गभगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है:-ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम्।मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः।।4/11।।इसका अर्थ है, हे अर्जुन!जो मुझे जैसे भजते हैं, मैं उन पर वैसे ही ...और पढ़ेकरता हूँ; सभी मनुष्य सब प्रकार से,मेरे ही मार्ग का अनुसरण करते हैं।जीवन सूत्र 155 भगवान कृपा में नहीं करते भेदभाव ,मनुष्य ने बनाई है दीवारें भगवान के दरबार में उनकी कृपा को लेकर कोई भेदभाव नहीं है। जिनके दृष्टि में भगवान एकमात्र सहारा हैं तो भगवान उसी तरह उनकी मदद करते हैं। मीरा के लिए "मेरे तो गिरधर गोपाल कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - भाग 91 गीता से श्री कृष्ण के 555 जीवन सूत्र - उपन्यास Dr Yogendra Kumar Pandey द्वारा हिंदी - प्रेरक कथा (334) 80k 173.8k Free Novels by Dr Yogendra Kumar Pandey अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Dr Yogendra Kumar Pandey फॉलो