Yugantar - 12 book and story is written by Dilbag Singh Virk in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Yugantar - 12 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. युगांतर - भाग 12 Dr Dilbagh Virk द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 2.2k Downloads 4.2k Views Writen by Dr Dilbagh Virk Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण शांति जानती थी कि बड़ी मंजिल पाने से पहले छोटे-छोटे मोर्चे फतेह करने पड़ते हैं। वह सरकारी नौकरी करती थी, लेकिन नौकरी तक सीमित रहना उसका मकसद नहीं था। उसका पहला पड़ाव था अपने महकमें में धाक जमाना, लेकिन उसका अफसर मि. चोपड़ा थोड़ा खडूस किस्म का था। नियमों पर चलता था और शांति का लावण्य उस पर असर नहीं दिखा रहा था। शांति अपनी सुंदरता के इस अपमान को सहन नहीं कर पा रही थी, इसलिए वह अपनी फरियाद लेकर यादवेंद्र के पास पहुँची। वैसे भी वह जब से शहर में आई थी, यादवेंद्र से मिलना चाह रही थी। Novels युगांतर हर अन्याय का अंत होता है, ग़लत कार्य करने वालों को सज़ा मिलती है। देर हो सकती है, लेकिन अंधेर नहीं चलता। गलत पर सत्य की जीत ही असली युगांतर होता है। इस... More Likes This देवर्षि नारद की महान गाथाएं - 1 द्वारा Anshu पवित्र बहु - 1 द्वारा archana ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी