उल्टे पैर - 4 Tarkeshwer Kumar द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें डरावनी कहानी किताबें उल्टे पैर - 4 उल्टे पैर - 4 Tarkeshwer Kumar द्वारा हिंदी डरावनी कहानी 1.5k 4.2k कटे हुए सर से लदे पेड़ से जैसे ही थोड़ी आगे जाते हैं तो वहां।एक नदी मिलती हैं जिसमे और भी सर पड़े हुए थे।उनमें से एक सर टकटकी लगाए देख रा था और एक दम से बोल पड़ा ...और पढ़ेआओ मेरे पास आओ। घबराओ नहीं, ऐसे डर के दूर भागने की कोशिश ना करना वरना उस पेड़ के बाकी लटके सर भी जिंदा हो जाएंगे। ये दृश्य देख के सबके हलक सुख गए। नाना जी दबी आवाज में बोले की तुम बोल सकते हों।कटा सर बोला के इस जंगल की हर एक चीज बोल सकती हैं, पेड़, पौधे, जानवर। कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें उल्टे पैर - 4 उल्टे पैर - उपन्यास Tarkeshwer Kumar द्वारा हिंदी - डरावनी कहानी (29) 11k 26.3k Free Novels by Tarkeshwer Kumar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Tarkeshwer Kumar फॉलो